सोमवार, 29 अप्रैल 2013

मेघवाल समाज ने निकली शोभायात्रा

(April 17, 18, 2013) मेघवाल समाज द्वारा ढीकली में नवनिर्मित रामदेव जी में मन्दिर मूर्ति स्थापना होने पर शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा में सम्पूर्ण मेघवाल समाज के महिला पुरुषों ने हिस्सा लिया।
मन्दिर समिति के सदस्य मांगीलाल मेघवाल ने बताया कि मन्दिर में मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम सुबह यज्ञ हवन से शुरू हुआ, इस यज्ञ हवन में 51 जोड़ों ने पूजापाठ किया। पूजापाठ के बाद सकल मेघवाल समाज के लोगों ने गाजे -बाजे के साथ पुरे गॉव में रामरेवाड़ी निकली।
मांगीलाल ने बताया कि उदयपुर संभाग के मेघवाल समाज का यह प्रमुख व सबसे बड़ा मन्दिर हैं, जिसके निर्माण में समाज के कई बड़े भामाशाहों का सहयोग रहा हैं। शोभायात्रा के बाद शाम को रात्रि जागरण कार्यक्रम का भी आयोजित किया जाएगा

सांसद अर्जुन राम मेघवाल को दूसरी बार मिला ’सांसद रत्न अवार्ड

रास में आई.आई. टी. कैम्पस में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में प्राईम पोईन्ट फाउन्डेशन चैन्नई द्वारा लोक सभा मे सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले चार पुरूष संासदों तथा दो महिला सांसदो को ’’सांसद रत्न अवार्ड‘‘ से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तमिलनाडू के राज्यपाल डॉ. के. रोसैया, अध्यक्षता प्रो. के रामामुर्ति निदेशक आईआईटी मद्रास, विशिष्ठ अतिथि टी. एस. कृष्णा मुर्ति पूर्व मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार उपस्थित थें।
बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को टी. एस. कृष्णा मुर्ति पूर्व मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार ने सांसद रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। यह अवार्ड बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल द्वारा अबतक के लोक सभा संसद के १५ सत्रों मे अबतक सबसे ज्यादा ३८६ डिबेट मे भाग लेने तथा ९९ प्रतिशत उपस्थिति के लिए दिया गया। (सांसद बनने से आज तक केवल १ दिन की ही अनुपस्थिति रही है जिससे ९९ प्रतिशत है)। बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को इससे पूर्व वर्ष २०१२ के लिए भी सांसद रत्न अवार्ड मिल चुका है।
इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति माननीय ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने अपना संदेश भेजा। संदेश कहा कि मैं संसद रत्न 2013 पुरस्कार लोकसभा सांसदों और राजनीति, लोकतंत्र और शासन पर आयोजित की जा रही राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रदर्शन के शीर्ष ij संसद रत्न 2013 पुरस्कार विजेताओं और पैनल और राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागियों को मेरा अभिवादन.

इसके अलावा वाद विवाद और सामाजिक परिवर्तन और परिवर्तनों के लिए कानून अभिनीत में अपनी मूल क्षमता का उपयोग कर रहा है, और भारत में बल्कि वैश्विक दुनिया में न केवल प्रतिस्पर्धी होने के लिए भारतीयों को सशक्त बनाने के लिए संसद में चर्चा के लिए योगदान से, माननीय सांसदों शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत , इमारत ज्ञान समाज के बुनियादी आधार हैं जो साक्षरता और कौशल विकास मिशन.
उन्होंने यह भी टैंक और जल निकायों गाद निकालने से बेहतर जल प्रबंधन के लिए लाने के लिए और अपने राज्यों में स्मार्ट जल तरीके बनाने के लिए काम करते हैं और एक कार्बन न्यूट्रल गांवों में गांवों में परिणत करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान कर सकते हैं.
वे प्रभावी ढंग से विकास की राजनीति दृष्टिकोण के माध्यम से वर्ष 2020 से पहले देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से साथी नागरिकों के लाभ के लिए मील का पत्थर विधान है लाने के लिए चर्चा के लिए उपलब्ध समय का उपयोग करना चाहिए.
मैं सभी पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान उद्देश्यपूर्ण चर्चा के लिए प्रतिभागियों और पैनल की कामना करते हैं.

अवार्ड फक्शनं के बाद आई.आई.टी. चैन्नई परिसर मे विद्यार्थियो के साथ एक पैनल डिस्कशन का कार्यक्रम हुआ जिसमें विषय ’’राजनीति , लोकतंत्र और शासन‘‘ पर चर्चा हुई।

मेघवाल ‘समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करें :- गोपाराम मेघवाल

-बाली
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल ने कहा कि समाज के विकास में प्रत्येक कार्यकर्ता एवं समाज के प्रबुद्धजन को अपनी अहम भूमिका निर्वाह करनी होगी तभी समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है। वे बोया गांव में मेघवाल समाज विकास विस्तार समिति के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज भी अनुसूचित जाति समाज के लोग मुख्य धारा से जुडऩे से वंचित है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व है कि एससी समाज के व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़े तथा उसके सर्वांगीण विकास करने में अहम भूमिका निर्वाह करें। मेघवाल ने इस अवसर पर रा\'य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए सभी को संकल्प दिलाया। नगर पालिका बाली अध्यक्ष इंदू चौधरी ने अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को संगठित एवं एकजुट होकर आगे बढऩे का आव्हान करते हुए लड़कों की शिक्षा के साथ ही साथ बालिकाओं की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने का आव्हान किया गया। समारोह को नगरपालिका अध्यक्ष फालना खंगारराम मेघवाल, नगरपालिका अध्यक्ष सादड़ी शंकरलाल भाटी, उप कोषाधिकारी वीरमराम लोंगेशा, पूर्व प्राचार्य रामलाल मोबारसा सहित अतिथियों ने भी संबोधित किया। मेघवाल समाज विकास समिति के अध्यक्ष वक्ताराम परमार ने विकास समिति की कार्यकारिणी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए समिति द्वारा समाज के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों का विस्तार से जानकारी दी। इससे पूर्व मेघवाल समाज विकास समिति की नवगठित कार्यकारिणी को शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर वक्ताराम परमार, लक्ष्मण परमार, नाथाराम परमार, जसराज मेंशन, खीमाराम मेघवाल, रतनलाल, रूपाराम, रतनलाल, लखमाराम, सोहनलाल, मोतीलाल बावल, कपूराराम, कस्तूराराम आदि मौजूद थे।

रविवार, 28 अप्रैल 2013

मेघवाल समाज विवाह सम्मेलन 19 / 04 / 2013

एक साथ हजारों लोगों का काफिला, नये नये वस्त्र धारण किये ट्रैक्टरों पर एक ही तरह की पोषाक में सहरा बांधे बैठे दूल्हे और उनके सामने बैंडबाजों की धुन पर नाचते लोग। मौका था मेघवाल समाज द्वारा आयोजित विवाह सम्मेलन के लिए निकाली गई बिंदौरी का।
मेघवाल समाज सुधार सेवा समिति द्वारा रामनवमी पर आयोजित सातवें सामूहिक विवाह सम्मेलन में वे शनिवार को गुणावती मकराना स्थित हीरालाल बरवड़ के नोहरे में  41 दूल्हों की सामूहिक बिंदौरी निकाली गई। सामूहिक विवाह सम्मेलन हर्षोल्लास एवं धूमधाम से सम्पन्न हुआ।

सामूहिक विवाह सम्मेलन में 41 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधे

गुणावती (मकराना) 19/04/2013बहू को बेटी समझने की जरूरत है, ऐसा हमारे परिवार में होने लगेगा तो पारिवारिक झगड़ों से मुक्ति मिल जाएगी। सामूहिक विवाह से जहां सामाजिक मेलजोल बढ़ता है वहीं गरीब परिवारों को राहत मिलती है। यह बात बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल ने कही। वे शनिवार को गुणावती स्थित हीरालाल बरवड़ के नोहरे में मेघवाल समाज सामूहिक विवाह समारोह समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। मेघवाल ने कहा कि विवाह के बाद भी शिक्षा पर ध्यान दिया जावे और शिक्षा अर्जन करने की कोई उम्र नहीं होती है। सामूहिक विवाह से कुरीतियों का उन्मूलन होता है। इस मौके पर मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत ने नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षताकर रहे गोकुलराम इंदलिया, विशिष्ट अतिथि राजस्थान अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्य उदयचंद बारूपाल, इरफान चौधरी, नगर परिषद आयुक्त हरिसिंह वर्मा ने विचार व्यक्त किए।


विदाई के समय परिजन हुए भावुक
सामूहिक विवाह सम्मेलन में इस बार 41 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधे। विवाह समिति ने सभी वधुओं को उपहार भी दिए। दोपहर करीब 3 बजे जब विदाई का समय आया, उस समय वधू पक्ष की महिलाओं सहित उनके अन्य परिजन भावुक हो गए। इस अवसर पर नगर परिषद के अध्यक्ष अब्दुल सलाम भाटी, अतिरिक्त जिला कलक्टर डीडवाना विश्वंभरलाल, उपखण्ड अधिकारी सैय्यद मुकर्रम शाह, अंजुमन संस्था के सदर हाजी नवाब अली रान्दड़, मेघवाल समिति के मंत्री गंगाराम ताणान, जेठाराम बनिया, तेजपाल मलिंदा, पार्षद सोहनलाल दोलिया, अब्दुल रहमान गैसावत, भंवराराम डूडी, प्रभुराम, श्याम सुंदर स्वामी, पूसाराम, दल्लाराम गांधी, नथमल बरवड़, गुलाबचंद बरवड़, संतोष पूनिया, मनोज राजौरा, उगमाराम मेघवाल, बंशी बिंझाणा, हरदीन बरबड़, घीसाराम बरबड़, गंगाराम ताणान, हरदयाल वर्मा, टीकमचंद ताणान, परसाराम माइच, हेमाराम दुस्तवा, पूर्व उपप्रधान रामचन्द्र मेघवाल, शब्बीर अहमद गैसावत, मोहम्मद अफजल भाटी आदि उपस्थित थे।

मेघवाल समाज का सामूहिक विवाह हुआ – 5 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में

November 24, 2012 
मेघवाल समाज सेवा समिति की ओर से दुसरे सामूहिक विवाह का आयोजन 24 नवम्बर शनिवार को नगर परिषद् के प्रांगण में हुआ। इस विवाह समारोह की मुख्य अतिथी सभापति रजनी डांगी रही। अध्यक्षता समिति अध्यक्ष गणेश लाल मेघवाल और विशिष्ट अतिथि एडीएम प्रशासन बी आर भाटी रहे।
समिती के सदस्य प्रकाश मेघवाल ने बताया कि इस सामूहिक विवाह के आयोजन से पहले फतह स्कूल से शोभायात्रा सुबह साढे सात बजे रवना हुई जो सूरजपोल होते हुए टाउनहाल पहुची जहाँ तोरण की रस्म के बाद वर माला की रस्म पूरी हुई। मंगल फेरों के बाद स्नेह भोज का आयोजन हुआ। इस सामूहिक विवाह के आयोजन में उदयपुर सम्भाग से करीब 3-4 हज़ार समाजजन ने भाग लिया।
समिति कि ओर से पहला सामूहिक विवाह गत अप्रैल माह में सफलता पूर्वक आयोजित हुआ था जिसके बाद समिति ने दुसरे सामूहिक विवाह करवाने का निर्णय लिया। समाज में सामूहिक विवाह के आयोजन होने समाजिक बुराइयों पर अंकुश लगेगा साथ ही समाज में शिक्षा का भी विकास होगा। विवाहित जोडों ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का वचन भी लिया

मेघवाल समाज के सामूहिक विवाह को लेकर गांवों में जनसंपर्क जारी

पीपाड़ शहर  (Jodhpur)
राजस्थान मेघवाल समाज न्याय मंच जोधपुर के तत्वावधान में मेघवाल समाज का चतुर्थ सामूहिक विवाह सम्मेलन इस बार आखातीज के पश्चात बिलाड़ा कस्बे में आयोजित होगा। इसे लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान जारी है। सामूहिक विवाह सम्मेलन की तैयारियों को लेकर रविवार 28 अप्रैल 2013 को पिचियाक में बैठक भी मंच के प्रदेशाध्यक्ष नटवर मेघवाल के नेतृत्व में होगी।
मंच प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले जोड़ों की सूची को अंतिम रूप देने के अलावा विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। मंच के प्रदेशाध्यक्ष मेघवाल के नेतृत्व में विधानसभा क्षेत्र के बिसलपुर, रुड़कली, पालासनी, भटिंडा, दातीवाड़ा, बाला, डांगियावास, खातियासनी, बांकलिया, जाटियावास, बीनावास आदि गांवों में विवाह सम्मेलन को लेकर मेघवाल समाज के ग्रामीणों से जनसंपर्क करने के अलावा बैठक में भाग लेकर विवाह सम्मेलन कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करने की अपील की गई। विवाह सम्मेलन में 101 जोड़े शामिल होंगे। समाज के ग्रामीण लोगों से संगठित होने की अपील की गई है। जनसंपर्क के दौरान गोपाराम बिसलपुर, इंद्राराम, मोहन, मंगलाराम, बस्तीराम, मंगलाराम बांकलिया, शेषाराम, तुलसीराम, डूंगरदास, पूर्व सरपंच खेताराम, सुखाराम, बाबूलाल जयपाल, प्रतापराम नानण, जगाराम रावर, भंवरलाल खतियासनी आदि ने भी सामूहिक विवाह सम्मेलन को सफल बनाने की अपील की है।

मेघवाल समाज की कार्यकारिणी बनी

राजगढ़।(rajgarh maday pardesh)  डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में मेघवाल समाज ब्लाक नरसिंहगढ़ की बैठक जामोन्या गांव में रखी गई। इस मौके पर समाज में व्याप्त कुरीतियां, अंधविश्वास को त्यागने व समाज के महापुरुषों के बताए मार्गों पर चलने का संकल्प समाजजनों ने लिया। बैठक में ब्लाक स्तरीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। मीडिया प्रभारी राधेश्याम गौतम ने बताया कि नवीन कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद पर जगदीश मेघवाल, उपाध्यक्ष रतिराम व सचिव पद पर अवधनारायण वर्मा को मनोनीत किया गया है। साथ ही महामंत्री बद्री प्रसाद बौद्ध, राम सिंह मेघवाल, जगदीश, संजय बौद्ध, सर्जन, शिवनारायण, महेश, बद्रीलाल संजय आदि को शामिल किया गया। बैठक का संचालन अमृत लाल दुगारिया ने किया

गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

महान मेघवाल संत "महाचंद ऋषि "

प्रतापशाली वीरशिरोमणि प्रसिद्ध राजा "नाहड़राव "(नाहरराव)हुए हैं !इनकी राजधानी मंडोर (मंडावर) थी जिसको साधू भाषा संस्कृत में "मन्दोदरी"कहते हिं !
यह वही स्थान हैं जंहा रावण ने मन्दोदरी के साथ शादी की थी , नाहड़राव प्रसिद्ध प्रचंड वीर था जो प्रथवीराज चोहान का सामंत था !
इनके शरीर में कुष्ठ की बीमारी थी !एक समय यह नाग पहाड़ के जंगल आखेट खेल रहे थे ,संयोग से एक सूअर इनके सामने से गुजरा नाहर राव ने इनका पीछा !भागते भागते वह सूअर एक मुंजे की झाड़ी गायब हो गया !यह उन्हें ढूंढते-ढूंढते परेशां हो गये लेकिन उसका कंही पता नहीं चला !धुप और प्यास से व्याकुल होकर नाहड़राव पानी की खोज करने लगे ,अंतमें जरा से खड्डे में पानी मिला !राजा ने घोड़े से उतर कर उस पानी हाथ मुंह धोया और पानी पिया तो देखते क्या हैं, की उनके शरीर का कुष्ट दूर हो गया हैं !नाहड़ के विस्मय का ठिकाना नही रहा ,उन्होंने वंहा पर खुदवाना आरम्भ किया और काफी लम्बी छोड़ी दुरी में खुदवा दिया ,लेकिन उस गड्डे से जयादा नही आया !फिर उन्होंने काशी से पंडितो को बुला कर वंहा यज्ञ कराया ,पंडितो ने उस यज्ञमें नर बलि देने के लिए कहा !नाहड़राव ने इसकी सुचना आम जनता में करवा दी ,यह सुन कर वन्ही अजयपाल जी की धुनी के पास पहाड़ में गाये चरते हुए 'महाचंद "नामक मेघवाल ने आकर प्रसन्नता पूर्वक उस यज्ञ में परोपकरार्थ अपनी बलि दे दी !देखते ही देखते उस गड्डे में से पानी उबकने लगा और वंहा पर पानी भर गया !


नाहड़ राव ने वंहा पर वि ० स ० 1114 में तालाब खुदवा कर बंधवा दिया जो वर्तमान "पुष्कर" (राजस्थान में

अजमेर के पास ) के नाम से मशहूर हैं !ओर एक भी शुरू करवा दिया ,महाचंद गाये चराता था ,इसलिए उसके नाम से एक घाट बंधवाया ,जिसका नाम गऊ घाट हैं ! यह गऊ घाट पुष्कर के अन्य घटो में प्रशिद्ध हैं ,और सबसे पहले का हैं !इस पर आरम्भ से ही मेघवंशियो के गुरु ब्राह्मणों का अधिकार रहा हैं !बिच में अन्य ब्राह्मणों ने इस पर अपना अधिकार करना चाहा ,और कई दिनों तक आपस में झगड़ा चलता रहा !अंत में छोटुरामजी गुरु ब्राह्मण के पोते "हाथीरामजी" को अन्य पंडो ने एक रूपये के स्टाम्प पर वि ० स ० 1960 में पंचायत द्वारा राजीनामा लिख कर दे दिया ,और इस पसिद्ध गऊ घाट पर मेघवंसशी आदि अन्य 6 जातियों को भी स्नान करने और दान दक्षिणा लेने का अधिकार दे दिया !कहा जाता हैं की एक समय खींवासर(मारवाड़ )के ठाकुर साहेब यंहा स्नान करने के लिए आये थे !उन्होंने स्नान कर यहाँ गऊ घाट पर विश्राम किया !उनके सपने में आकर महाचंदजी ने अपने त्याग और बलिदान का सन्देश दिया और यह भी कहा की यदि कोई यंहा मेरी यादगार

बना दे तो उसकी मनोकामना सफल हो जाएगी !उक्त ठाकुर साहेब ने उनके बलिदान के स्थान पर एकछतरी बनवा दी ,जो गऊ घाट के सामने स्थित हैं !स्वार्थी और धर्म के ठेकेदारों ने उंच -नीच की भावना से मेघवंशियो के इस अपूर्व त्याग और गोरवमय बलिदान को नष्ट करने के लिए यह छत्री उन्ही ठाकुर की बतलाते हैं ,लेकिन काफी छानबीन और खोज करने पर पता चला हैं की वह छत्री "महाचंद" मेघवंशी पर ही बनी हैं !हाँ यह जरुर हैं की वह छत्री खींवासर के ठाकुर साहेब ने ही बनवाई हैं

adhik jankari ke liye yaha sampark kare :-- साभार -
मेघवंश इतिहास (ऋषि पुराण)
लेखक स्वामी गोकुलदासजी
अलख स्थान dumara (ajmer )
चित्र साभार   

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

  सीकर खोरी गांव में मेघवाल समाज की सामूहिक बैठक सीकर - (नवरत्न मंडूसिया) ग्राम खोरी डूंगर में आज मेघवाल परिषद सीकर के जिला अध्यक्ष रामचन्द्...