मंगलवार, 30 अगस्त 2011

मेघवाल समाज के दूसरे सामूहिक विवाह बाबत् बैठक रवि को / काशीराम के नेतृत्व में व्यापक स्तर पर जनसम्पर्क तेज

बीकानेर, । मेघवाल समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन समिति, बीकानेर के तत्वावधान में मेघवाल समाज का द्वितीय सामूहिक विवाह समारोह आयोजित करने हेतू मेघवाल समाज की बैठक 26 सितम्बर,2011 रविवार को सुबह 11 बजे खादी मंदिर, चौतीना कुंआ में रखी गई है। जिसमें सभी समाज बन्धुओं से बैठक में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने के लिए व्यापक स्तर पर जनसम्पर्क सम्मेलन प्रभारी काशीराम मेघवाल के नेतृत्व में भंवरलाल गंडेर, हेतराम परिहार, मोहनलाल कोटिया, लीलाधर मोडासिया, गोरधनराम रिड़मलसर आदि द्वारा किया जा रहा है। बैठक में समाज में व्याप्त बाल विवाह-दहेज प्रथा एवं फिजूलखर्ची जैसी कुरीतियों को मिटाने के लिए समाज हित में द्वितीय सामूहिक विवाह आयोजित करने के लिए विचार-विमर्श कर सामूहिक विवाह की तिथि-स्थान एवं शामिल किए जाने वाले जोड़ों की संख्या पर निर्णय किया जा सके। जनसम्पर्क के दौरान सम्मेलन प्रभारी काशीराम मेघवाल ने कहा कि समाज में छोटे-बडे क़ा भेद मिटाने एवं समाज में दहेज देने के लिए बढ़ रही प्रतिस्पध्र्दा को मिटाने के लिए सामूहिक विवाह में शामिल होकर अपने बच्चों की शादीयां करने का आह्वान किया जाएगा जिससे समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाया जा सके। इसके लिए सामूहिक विवाह का बार-बार आयोजन किया जाना समाज हित में जरुरी है। बैठक में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर समाज हित में अपनी भागीदारी निभाने की अपील की गई है।

मेघवाल समाज का अधिवेशन 21 को

प्रतापगढ़ | मेघवाल समाज जनजागृति अभियान की बैठक गत दिवस यहां हुई। इसमें समाज के अधिवेशन की रूपरेखा तय की गई। समाज के जिलाध्यक्ष नेत राम मेघवाल ने बताया कि कार्यक्रम में वर्ष 2011 के प्रतिभा सम्मान समारोह की रूपरेखा बनाई गई एवं 21 अगस्त को राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा का एक दिवसीय अधिवेशन प्रतापगढ़ में रखने का निर्णय लिया गया। इस अधिवेशन में समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल डेनवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री योगेंद्र मकवानी, पूर्व मंत्री कैलाश मेघवाल, समाज के पदाधिकारी व विधायक उपस्थित रहेंगे। जनजागृति अभियान की अध्यक्षता डॉ. आरएस कच्छावा ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कंवर लाल रैदास, रामलाल एवं गोपाल रहे। संचालन प्रेमचंद रैदास ने किया। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण रैदास, सचिव प्रेमचंद रैदास, संगठन मंत्री देवीलाल बरोठा एवं प्रचार मंत्री गबूरचंद उपस्थित थे।

शनिवार, 27 अगस्त 2011

मेघवाल समाज सुधार समिति के चुनाव 28 को

जैसलमेर | मेघवाल समाज सुधार एवं विकास समिति के चुनाव 28 अगस्त को संपन्न होंगे। समिति के अध्यक्ष एडवोकेट मुल्तानाराम ने बताया कि वैधानिक तरीके से चुनाव संपन्न करवाने के लिए मोहनलाल बारूपाल को मुख्य चुनाव अधिकारी, मनोहरलाल देवपाल एवं प्रितमराम बामणिया को सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, उपसचिव तथा कोषाध्यक्ष के चुनाव सदस्यों की राय एवं मतदान से निर्वाचन करवाया जाएगा। साथ ही 17 सदस्यों के जिला परिषद के क्षेत्रवार चुनाव होंगे तथा पोकरण शहर एवं जैसलमेर शहर से सदस्यों का निर्वाचन किया जाएगा। बारूपाल ने बताया कि इस संबंध में समिति की प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक 15 अगस्त को 2 बजे डेडानसर रोड स्थित समिति के मुख्यालय में आयोजित की जाएगी जिसमें चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व सदस्यता नवीनीकरण एवं आजीवन सदस्य पंजीकृत करने पर विचार किया जाएगा।

मेघवाल समाज ने किया कांग्रेस जिलाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्षों का सम्मान

बालोतरा
मेघवाल समाज बालोतरा के तत्वावधान में रणजीत आश्रम में स्वामी रामप्रकाश आचार्य व अमृतराम महाराज के सान्निध्य में आयोजित एक समारोह में कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्षों का सम्मान किया गया।
स्वामी रामप्रकाश आचार्य ने कहा कि समाज में शिक्षा की नींव मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जाए। शिक्षा से ही तरक्की की राह खुलेगी। विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि सरकारी योजनाओं की आमजन को जानकारी होनी चाहिए। योजनाएं अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए कार्यकर्ताओं को प्रयास करने होंगे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खां ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता सक्रिया होकर जनभागीदारी निभाएं तथा समस्याओं के निराकरण के संबंध में एकजुट होकर प्रयास करें। ब्लॉक अध्यक्ष भंवरलाल भाटी ने कहा कि समाज में शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही बालिका शिक्षा के लिए विशेष प्रयास होने चाहिए। प्रधान जमना देवी गोदारा ने निराश्रितों के हित के लिए पार्टी की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजना के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान सिवाना ब्लॉक अध्यक्ष मोटाराम मेघवाल, मूलाराम पोटलिया, नवाराम मेघवाल, मानाराम मेघवाल, अमराराम राठौड़ व बाबूलाल नामा ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान नवनिर्वाचित अध्यक्षों का साफा पहना व माल्यार्पण कर सम्मान किया । इस अवसर पर श्रीराम गोदारा, रतन खत्री, चंद्रा बालड़, नृसिंह प्रजापत, भगवानाराम भील, मांगीलाल बोस, हनुमान मेघवाल, कालूराम ठेकेदार, छगन जोगसन व मांगीलाल बारूपाल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन हरिराम जसोल ने किया।
प्रतिनिधि मंडल मिला जिलाध्यक्ष से कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खां के बालोतरा आगमन पर पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात कर शिक्षक संघ की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखने का आग्रह किया। डाक बंगला परिसर में ब्लॉक अध्यक्ष भंवरलाल भाटी के नेतृत्व में पार्षद नृसिंह प्रजापत, महबूब खां, मोटाराम चौधरी, सतीश कंवर, सरपंच कूंपाराम पंवार, सुभाष जोशी, गणपत दवे व हुकमङ्क्षसह ने उनसे मुलाकात कर उन्हें कार्यकर्ताओं की ओर से पार्टी हित में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने खां से शिक्षक संघ की मांगों का निस्तारण करवाने को लेकर मांगे राज्य सरकार के समक्ष शीघ्र रखने की मांग की। खां ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वो
पार्टी की नीतियों को आमजन तक पहुंचाकर योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा
प्रचार-प्रसार करें।

राजस्थान मेघवाल समाज-एक परिचय



हम मेघवाल हैं मेघवाल रहेंगे- navratna mandusiya
मेघवंश समाज अनेक टुकड़ों में बंटा हुआ है। ये अनेक टुकड़े अपने को एक दूसरे से अलग समझने लगे तथा एक दूसरे से ऊंचा बनने की होड़ में अपनी संगठन शक्ति खो बैठे हैं।
मेघवंशी,भांबी,बलाई,सूत्रकार,जाटा,मारू, बुनकर,सालवी,मेघ,मेघवाल,मेघरिख,चांदौर,जाटव,बैरवा इत्यादि पर्यायवाची उपनामित जातियां स्वयं को एक दूसरे से अलग एवं ऊंचा मानकर आपस में लड़ती रहती हैं।

यदि ये सब उपजातियां केवल एक जाति के रूप में संगठित हो जाएं तो वे अपने जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं। ये सोच उभरी तो इसके क्रियान्वयन के लिए अनेक शुभचिंतकों व गुरुओं ने समाज को केवल एक मेघवाल नाम देकर संगठित करने का प्रयास किया, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए। 12 सितंबर 1988 को राजस्थान मेघवाल समाज नाम की इस संस्था का पंजीकरण कराया गया।

प्रारंभिक संस्थापकों ने समाज को जोडऩे का खूब प्रयास किया। लेकिन इनकी अन्य कार्याे में व्यस्तता के कारण यह संस्था मृतप्रायः हो गई। इस संस्था में प्राण फूंकने के उद्देश्य से 27 अप्रैल 2004 को जयपुर में बैठक आयोजित की गई। संस्था का संरक्षक श्री रामफल सिंह को बनाया गया। उद्देष्य हैं कि उपजातियां अपने आपस के वर्ग भेद मिटाकर पुनः अपने मूल मेघवंश रूप मेघवाल नाम को स्वीकारें और अपनी जाति पहचान को संगठित,सृदृढ़ और अखंड बनाए रखने के लिए अब मेघवाल नाम के नीचे एक हो जाएं।

समाज के कुछ लोग इसका विरोध करते हैं। उनका कहना है कि बलाई,बैरवा,जाटव इत्यादि मेघवाल क्यों बनें। इस बारें में संरक्षक श्री रामफल सिंह का सुझाव है कि जब ब्राह्मण समाज में 52 उपनामित जातियां हैं। लेकिन वे सभी सर्व ब्राह्मण महासभा के बैनर के नीचे बैठकर समाज हित में चिंतन कर सकते हैं। एकता के दावों के साथ अपने अधिकार की मांग करते हैं तो हम एक बैनर तले आने में संकोच क्यों करते हैं।

गुर्जर समाज का एक और उदाहरण देखिए। एकता की बात आई तो गुर्जर समाज ने उपजाति तो क्या धर्म को भी भुला दिया और क्रिकेट खिलाड़ी अजहरूद्दीन,फिल्म एक्टर अक्षय कुमार और दौसा से चुनाव लड़े कमर रब्बानी चौची तक को गुर्जर भाई माना। कोई भी लड़ाई दिमाग से लड़ी जाती है।

यदि दिमाग के स्तर पर हार जाता है तो वह मैदान में कोई लड़ाई नहीं जीत सकता। हमारी अब तक की दीन हीनता और दुरावस्था का कारण ही यह रहा कि हम एकजुट नहीं रहे। यानि हम दिमाग स्तर पर पराजित रहे हैं। क्यों नहीं हम जाति को ही हथियार बनाकर अपने अधिकारों के लिए सार्थक ढंग से लड़ाई लड़ें। इसके लिए मेघवंश की एकता मजबूती और ताकत दे सकती है। हम मेघवाल हैं मेघवाल रहेंगे।

संपर्क-

श्री आर.पी. सिंह, संरक्षक, राजस्थान मेघवाल समाज (रजि. संख्या 224/जय/88-89)73, अरविंद नगर, सी,बी,आई. कालोनी, जगतपुरा, जयपुर. मो. 9413305444, 0141-2750660
 श्री झाबर सिंह, बी-31, अध्यक्ष, राजस्थान मेघवाल समाज (रजि.), कैंप कार्यालय, संजय कालोनी, नेहरू नगर, आरपीए के सामने, जयपुर, मो. 9414072495, 9829058485 

htpp://kiranmandusiya.blogspot.com (dali / atyachar ) 

((अपील)) मेघवाल हितकारी महासभा जिला कोटा का गठन क्षेत्र के मेघवाल समाज के लोगों के विकास एवम समस्याओं के समाधान में सहायता हेतु प्रजातांत्रिक तरीके से हुयी है.

अपील

आदरणीय मेघवाल बन्धुओं,
मेघवाल हितकारी महासभा जिला कोटा का गठन क्षेत्र के मेघवाल समाज के लोगों के विकास एवम समस्याओं के समाधान में सहायता हेतु प्रजातांत्रिक तरीके से हुयी है. यह संस्था समाज के लोगों के लिये हर समय तत्पर रहती है तथा समाज के लोगों से अपील करती है कि सम्पूर्ण समाज हमेशा भाईचारे के साथ एकजुठ होकर रहे. हम हमारे बच्चों को हर हालत में पडावें. हमारे बच्चियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें ताकि समाज में नारियों का विकास हो सके. रोजगार के अवसरों की जानकारियां प्राप्त कर रोजगार में लगें. सरकारी योजनाओं की जानकारी लेकर उनका फायदा उठावें. अंधविशासों एवम दैविक कुविचारों से मुक्त होकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनायें. अपना मनोबल ऊंचा बनाकर रखें. प्रजातंत्र में अपने अधिकार एवम व्यक्तित्व की जानकारी रखें. समाज में फैली हुयी कुरीतियां जैसे मृत्युभोज, बालविवाह एवम फिजुलखर्ची से मुक्त हों ताकि लोग विकास की ओर अग्रसर हो सकें. समाज के लोग शराब, मांस एवम अन्य नशो की चीजों से दूर रहें. सरकारी एवम संवेधानिक मानवाधिकार कानूनों के प्रति जागरूक हों. अधिकारों के लिये हर गांव एवम मोहल्लों में समाज के लोगों के संगठनों जो समाज के सामने आने वाली विपत्ति के समय एकजुठ हों. राजस्व अधिकारों की जानकारी रखें तथा राजस्व रेकार्ड में सबके सम्मानजनक शब्द मेघवाल ही दर्ज हों. गांव, शहर, विधानसभा, लोकसभा हर स्तर पर सहमति बनाकर चुनाव में समाज के लोगों को खडाकर विजयी बनावें. समाज के चुने हुये लोग समाज के नाम का आशीर्वाद मानते हुये समाज के लोगों के विकास के लिये तत्पर रहे. समाज के विशाल वोट बैंक को सबसे बडा आधार मानें तथा औरों का पिछलग्गु बनकर ना रहें. समाज के सरकारी अधिकारी कर्मचारी समाज सेवा में अपना योगदान समर्पित भाव से दें.

गांव में रहने वाले लोग उन्न्त तकनीक से खेती को अपनावें. हमारे वर्ग के लिये सरकार की कई योजनायें कृषि विकास के लिये हैं का फायदा उठायें. हमारे राजनेता एवम संगठन गरीब लोगों को जमीन आवंटन कराने में सहायत करें. बन्धुआ मजदूरों (हालियों) के पुनर्वास के सार्थक प्रयास किये जावें. सभी राजनितिक पार्टियों पर समाज के संगठन समाज की बाहुलता को ध्यान में रखते हुये पंचायत से लोकसभा तक समुचित प्रतिनिधित्व देने के दबाव बनाकर रखें. कर्मचारियों के साथ दुर्व्यव्‌हार व पक्षपात न हो. हमारा आरक्षण यथोचित बना रहे इस हेतु हम सजग एवम एकजुट बने रहें. किसी भी क्षेत्र में समाज के लोगों के साथ सामाजिक अपमान जैसी घटना होने पर समाज के लोग नेता, संगठन एवम सरकारी तंत्र एकजुठ होकर प्रशासन पर प्रभावी कार्यवाही हेतु दबाव बनावें. हमारे हर शहर, कस्बे में सामाजिक एवम शिक्षा के उत्थान हेतु समाज के भवन सरकारी सहायता से समाज को मिले. इस हेतु हर स्तर पर सार्थक प्रयास होने चाहिये. मेघवाल समाज में सतसंग एवम साधु संतों की संस्कृति का बोलबाला बढ रहा है. संतों से अपील है कि आप समाज के उत्थान में रचनात्मक भूमिका निभायें. हमारे लोग कृषि एवम नौकरी का ही भरोषा न कर व्यापार एवम व्यवसाय में भी प्रवेश करें जहां पर उन्नति के असीम अवसर उपलब्ध हैं.

हमारे सामाजिक संगठन की श्रृखला गांव से जिला, राज्य एवम केन्द्र तक बने. समाज के लोग समाज संगठनों द्वारा समाज विकास में कराये जाने वाले सभी कार्यक्रमों में बढचढकर भाग लें. लोगों के जीवन को बचाने वाला सबसे महत्वपूर्ण काम रक्तदान हमें सहर्ष अपनाना चाहिये ताकि लोगों का जीवन बचाया जा सके और आपका स्वास्थ्य भी ठीक रह सके. हमारे बच्चों के सपने बडे हों वे आइएएस, आइपीएस, विदेश सेवा, आरएएस, आरपीएस, डाक्टर, इंजिनीयर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, एमलए, एमपी, मिनिस्टर, विद्वान, उच्च कोटि के लेखक पत्रकार, व्यवसायी, उधोगपत, बडे संत, समाज सुधार, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील आदि उच्च श्रेणी के पदों पर पहुंचे ऐसे अवसर उपलब्ध करावें तथा ग्रहण करें. मेघवाल समाज के लोग मेहनतकश हैं, बुद्धिमान हैं, चरित्रवान हैं, सहनशील हैं. हमारा विशाल वोट बैंक है. हम अधिकार प्राप्त हैं. पडे लिखे हैं. कानून एवम सरकारी योजनायें हमारी साथ हैं. हम धर्म प्रेमी लोग हैं. हमने कभी किसी पर अत्याचार नहीं किया. भारतवर्ष का निर्माण करने वाले हम हैं. राष्ट्र निर्माण में हम हमेशा आगे रहे हैं. दोस्तों अब जागृत होने की जरूरत है. मेघवाल हितकारी महासभा आपके साथ है.
जयहिन्द,
दिनांक : 26/01/2011. मेघवाल हितकारी महासभा,
जिला-कोटा (राजस्थान).

मेघवाल समाज ने उठाई 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग

बांसवाड़ा & राजस्थान प्रदेश मेघवाल समाज ने एससी वर्ग को पूर्व में प्राप्त 16 प्रतिशत आरक्षण की पुन: मांग की हैं। इसको लेकर समाज की बैठक में आगामी दिनों में जनजागरण करने का निर्णय किया हैं। दूसरी ओर रविवार को बडग़ांव में हुई बैठक में इस मामले को लेकर जहां निर्णय किया गया वहीं प्रदेश मेघ सेना का सहसंगठन का गठन किया। बैठक की अध्यक्षता मोगजी भाई बडग़ांव, मुख्य अतिथि शंकरलाल मेघवाल घोड़ी तेजपुर व विशिष्ट अतिथि हीरालाल सेनावासा थे। इस मौके पर वक्ताओं ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने, समाज में रूढ़ीवादी परंपराओं को समाप्त करने, बाल विवाह रोकने, सामाजिक आयोजनों में अनावश्यक खर्च को कम करने को लेकर विचार विमर्श किया। दूसरी ओर मेघ सेना की गठित कार्यकारिणी में अध्यक्ष गोविंद मेघवाल, उपाध्यक्ष गौतम भाई व प्रकाशचंद्र, महासचिव रमेश, विनोद, नारायण चुने गए हैं। सदस्य के रूप में मांगीलाल, अमृतलाल, गौतम, वि_ल, रामलाल, तुलसीराम, हीरालाल, दिनेश, शंकर आदि प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं।

(राजस्थान प्रदेश मेघ सेना की संयुक्त बैठक कल) मेघवाल समाज की बैठक कल

पाली. राजस्थान मेघवाल समाज व राजस्थान प्रदेश मेघ सेना की संयुक्त बैठक रविवार को मनसापूर्ण मां काली मंदिर, सर्वोदय नगर में सुबह 11 बजे आयोजित की जाएगी। मेघवाल समाज के सचिव नेमीचंद गोदा ने बताया कि मेघवाल समाज के अध्यक्ष गणेशराम बोस व राजस्थान मेघवाल समाज के जिलाध्यक्ष कैलाश मेघवाल के आतिथ्य में होने वाली इस बैठक में समाज के प्रबुद्धजन व कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

आंकड़े विश्व evangelization अनुसंधान केंद्र से नवीनतम अनुमानों.

PEOPLE
लोग नाम: Meghwar भील
देश: पाकिस्तान
उनकी भाषा: मारवाड़ी भील
जनसंख्या:
170,700 (1990)
196,700 (1995)
+२,२६,६०० (2000)
सबसे बड़ा धर्म:
90% हिंदू
9% मुसलमान
ईसाइयों: 1%
चर्च के सदस्यों: 1967
शास्त्रों अपनी भाषा में: भाग
अपनी भाषा में यीशु फिल्म: उपलब्ध
अपनी भाषा में ईसाई प्रसारण: कोई नहीं
मिशन इस लोगों के बीच काम कर रहे एजेंसियों: 1
व्यक्तियों, जो सुसमाचार सुना है 63,000 (32%)
13,800 (7%): स्थानीय ईसाइयों द्वारा evangelized उन
उन 49,200 (25%): बाहर से evangelized
व्यक्तियों, जो इंजील कभी नहीं सुना है: 133,700 (68%)
अपने देश
देश: पाकिस्तान
जनसंख्या:
१२,१९,३३,३०० (1990)
१४०४९६७०० (1995)
+१६१८२७४०० (2000)
आकार के क्रम में मेजर लोगों:
पश्चिमी पंजाबी 42.5%
11.6% सिन्धी
दक्षिणी पंजाबी 9.8%
पूर्वी पठान 7.9%
7.4% उर्दू
प्रमुख धर्मों:
96.7% मुसलमान
1.8% ईसाइयों
1.5% हिंदुओं
मूल्यवर्ग की संख्या: 37

पाकिस्तान के मेघवाल भील

Meghwar भील लोग परंपरागत रूप से जाति के प्रति सजग हिंदुओं द्वारा "अछूत" के रूप में माना समूहों में से एक है. जब भारत दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान के) में 1947 में विभाजित किया गया था, जाति हिंदुओं बड़ी संख्या में छोड़ दिया. हालांकि, अनुसूचित जाति के हिंदुओं के कुछ Meghwar भील के रूप में, पाकिस्तान में रहने का फैसला किया. हालांकि वे एक बहुत छोटे से पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक का हिस्सा हैं, वे मुसलमानों द्वारा बजाय उनके खुद हिंदू भाइयों द्वारा तुच्छ किया जा रहा तरजीह देने लगते हैं. अफसोस की बात है, मुसलमान और हिंदू Meghwar के बीच प्राचीन विरोध विभाजन से कम नहीं था.

Meghwar दक्षिणी पंजाब क्षेत्र में रहते हैं, दादू और Nawabshah के शहरों के पूर्वोत्तर. उनकी भाषा, मारवाड़ी भील, भील ​​भाषाओं और इंडो - आर्यन भाषाई परिवार का हिस्सा की एक उप समूह है. मारवाड़ी भील भाषा ज्यादातर एक बात जीभ है, हालांकि कुछ अखबारों की भाषा में लिखा जाता है.

उनके जीवन क्या कर रहे हैं जैसे?
हिंदू समाज में, ब्राह्मण उच्चतम जाति के हैं, जबकि Meghwar भील के रूप में अनुसूचित जाति, कम कर रहे हैं और गरीब किसानों और कृषि मजदूरों के रूप में वर्गीकृत कर रहे हैं. Meghwar ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, जहां कई प्रवासी खेत मजदूरों जो मौसमी फसलों का पालन करने के लिए उनके पीड़ित परिवारों को अतिरिक्त आय लाने हैं. गेहूं और बाजरा प्रधान खाद्य फसलों, चावल, कपास, एक प्रकार का वृक्ष, और मकई द्वारा पीछा कर रहे हैं. किसानों के लिए, शुष्क भूमि सिंचाई की आवश्यकता है, तो मानसून की वर्षा को अपने अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं. वे पंजाब में भाग्यशाली सिंधु नदी और अपने पांच पूर्वी सहायक नदियों करने में मदद के लिए भूमि की सिंचाई हैं.

Meghwar के लिए विवाह दो व्यक्तियों के बीच की तुलना में दो परिवारों के बीच एक संघ की अधिक है. अधिकांश विवाह, जाति और सामाजिक रैंक दी विचार के साथ व्यवस्था कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में युवा जोड़े आम तौर पर पति के परिवार के साथ या निकट में रहते हैं.

Meghwar महिलाओं को आसानी से अपने लंबे लाल पेटीकोट स्कर्ट की वजह से एक दूरी से देखा जाता है. गांवों में माता पिता इस पारंपरिक पोशाक है, जो हर गतिविधि के लिए पहना जाता है का परित्याग न करे, लेकिन जब युवा महिलाओं को शहर में जाना वे पाकिस्तानी महिलाओं पूर्ण पैंट और लंबे समय शीर्ष कन्वर्ट करने के लिए ताकि वे अन्य महिलाओं के साथ मिश्रण होगा.

हाल की रिपोर्ट है कि सामंतवाद के गढ़ बजाय मजबूत किया है गैरकानूनी 1992 कानून है कि पाकिस्तानी जमींदारों को भील समूहों की गुलामी समाप्त कर दिया है के बावजूद, ध्यान दें. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग Haris, या दास के ग्रामीण क्षेत्रों में छिपा मामलों में जहां Meghwar अपने जमींदारों ऋणग्रस्तता के लिए जंजीरों में कभी कभी छिपा जेलों सहित मिल जारी है. पाकिस्तानी जमींदारों यह एक फोन करके अपनी कार्रवाई का औचित्य साबित किरायेदार और मकान मालिक के बीच साझेदारी है. "

अपने विश्वासों क्या हैं?
लगभग Meghwar के सभी हिंदू हैं. उन्होंने यह भी अभ्यास कई animistic अनुष्ठान है, जो विश्वास है कि निर्जीव वस्तुओं आत्माओं है को दर्शाता है. एक उदाहरण मृत के लिए भावना अनुष्ठान है, जहां Meghwar गेहूं का आटा और पानी की बलि आटा गेंदों बनाने है. यदि कौवे आटा गेंदों खाते हैं, उनका मानना ​​है कि दिवंगत व्यक्ति की भावना पीड़ा में है. ऐसी रिपोर्टें हैं कि कोई जानवर जो जो यीशु को स्वीकार है आटा गेंदों दृष्टिकोण किया गया है.

उनकी आवश्यकताओं क्या हैं?
क्षेत्र में सफल evangelization की जल्द से जल्द सबूत 1900 में किया गया था. हालांकि, थोड़ा बढ़ावा और उन शुरुआत संरक्षित किया गया था, और वर्तमान में वहाँ केवल Meghwar ईसाइयों की एक मुट्ठी रहे हैं. कुछ मिशनरियों Meghwar के बीच काम कर रहे हैं, लेकिन कई और अधिक समर्पित ईसाई कार्यकर्ताओं की तत्काल जरूरत है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि Meghwar जल्दी नहीं पहुँच रहे हैं कि वे मुसलमानों को दस साल के भीतर हो जाएगा. मौलिक इस्लामी कानून की ताकत अन्य धर्मों के सहिष्णुता के लिए छोटे से कमरे में छोड़ देता है. यह प्रभावित करेगा हिंदुओं और सूक्ष्म दबाव उन पर रखा जाएगा या तो छोड़ या बदलें.

बाइबल और यीशु फिल्म के भाग मारवाड़ी भील भाषा में उपलब्ध हैं, लेकिन कोई ईसाई प्रसारण में इन लोगों के लिए सुलभ हैं.

प्रार्थना अंक
प्रार्थना करो कि भगवान योग्य भाषाविदों आपूर्ति मारवाड़ी भील भाषा में बाइबल का अनुवाद पूरा हो जाएगा.
प्रार्थना करो कि भगवान ने लंबी अवधि के कार्यकर्ताओं को बढ़ाने के लिए कुछ है जो पहले से ही जवाब दिया है शामिल हो जाएगा.
Meghwar भील के बीच यीशु फिल्म की प्रभावशीलता के लिए प्रार्थना करो.
भगवान से पूछो Meghwar भील ईसाइयों की एक छोटी संख्या को मजबूत प्रोत्साहित करने, और रक्षा.
पवित्र आत्मा से पूछो करने के लिए ईसाइयों की ओर Meghwar भील के दिलों नरम इतना है कि वे सुसमाचार के लिए ग्रहणशील हो जाएगा.
Principalities और शक्तियों कि Meghwar आध्यात्मिक अंधेरे में बाध्य भील रख रहे हैं पर अधिकार ले लो.
प्रार्थना है कि भगवान प्रार्थना टीमों को बढ़ाने के लिए पूजा और हिमायत के माध्यम से मिट्टी टूट जाएगा.
आगे उसका नाम की महिमा के लिए एक विजयी Meghwar भील चर्च लाने यहोवा से पूछो!  Meghwal society (मेघवाल समाज)

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

  सीकर खोरी गांव में मेघवाल समाज की सामूहिक बैठक सीकर - (नवरत्न मंडूसिया) ग्राम खोरी डूंगर में आज मेघवाल परिषद सीकर के जिला अध्यक्ष रामचन्द्...