सोमवार, 1 जनवरी 2018

बलाई (मेघवाल) समाज के महान संतों में संत भिखा दास जी महाराज थे ¦

नवरत्न मन्डुसिया की कलम से ¦¦संत श्री भिखा दास जी महाराज मध्यप्रदेश में महान संतों की श्रेणि में आते है ॥ संत भिखा दास का जन्म मेघवाल बलाई समाज में हुवां वर्तमान में संत भिखा दास जी महाराज का विश्व का सबसे बड़ा मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन के गन्धर्वपूरी में विराजमान है तथा संत भिखा दास जी महाराज मंदिर मध्यप्रदेश के युवा समाज सेवी सेवक कृष्णपाल सेंधालकर की देखरेख में निर्माण किया जा रहा है  तथा इस मंदिर के पाठ भी हर राज्यों में कृष्णपाल सेंधालकार कर रहे है और हर राज्यों में प्रचार प्रसार किया  जा रहा है संत भिखा दास जी महाराज के बारे में बतातें है की हमारे समाज के महान संत भिखा दास जी थे संत भिखादास जी महाराज का जन्म मध्यम परिवार मेघवाल बलाई समाज में हुवा  संत श्री भिखा दास जी महाराज
1. मेरे भिखा जी महाराज कदम कदम पर आप साथ हो मेरे, आपको नमन मैं सदा करता रहूँ जब तक साँस रहें इस तन में मेरे, भिखा जी आपका स्मरण मैं सदा करता रहूँ बोलिए  भिखा जी महाराज की जय 2 .सुनो भिखा जी..मेरी हस्ती कुछ नही थी ,बस तेरे नाम से ही कुछ नाम मेरा हुआ है,आज लाखों साथी मिल गए मुझको,कल तक जो तन्हा रहता था, शुक्र अदा कैसे करूँ तेरा बाबा, इतने भिखा जी के दीवानों से तूने मुझे जो मिलाया है.3. मेरे भिखा जी महाराज  तेरी रहमतो के सहारे मैं पलता हूँ.तेरा ही नाम ले आगे बढ़ता हूँ तू मुझ से नजर न फेरना कभी इक तू ही हैं जिसके सहारे में चलता हूँ. ये जग रूठे तो रूठे मेरा सत्गुरु कभी न रूठे मैं जीऊँ जब तक मेरे भिखा जी महाराज तेरा रणायर धाम कभी न छूटे तेरी सेवा कभी ना छुटे.बोलिए भिखा जी महाराज की जय 4. मुझको मालूम नहीं चाहत क्या है मेरे भिखा जी महाराज मैंने तेरी बातों के सिवा हर बात भुला रखी है मेरे भिखा जी महाराज सफर जीवन का मुश्किल है मालूम है लेकिन,  तुमने मेरी तो हर फ़िक्र मिटा रखी हैै मेरे भिखा जी महाराज 5. सब मिलकर चलेंगे मेरे  भिखा जी के पावन रणायर धाम बुलाएँ भिखा जी तो वहाँ चलेंगे नँगे पाँव
मिले रणायर धाम में पिता का प्यार, माँ के आँचल की छाँव यहीं होगी हम सबकी भव सागर से पार नाव :नवरत्न मन्डुसिया

बेटी चली पिया संग

चली कौनसे देश गुजरिया तू सज-धज के – 2
जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सज-धज के – 2
चली कौनसे देश गुजरिया तू सज-धज के छलकें मात-पिता की अँखियाँ रोवे तेरे बचपन की सखियां भैया करे पुकार हो भैया करे पुकार ना जा घर-आंगन तज के जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सज-धज के चली कौनसे देश गुजरिया तू सज-धज के दूर देश मेरे पी की नज़रिया वो उनकी मैं उनकी संवरिया बांधी लगन की डोर हो बांधी लगन की डोर मैंने सब सोच-समझके जाऊँ पिया के देश ओ रसिया मैं सज-धज के चली कौनसे देश गुजरिया तू सज-धज के

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

  सीकर खोरी गांव में मेघवाल समाज की सामूहिक बैठक सीकर - (नवरत्न मंडूसिया) ग्राम खोरी डूंगर में आज मेघवाल परिषद सीकर के जिला अध्यक्ष रामचन्द्...