बुधवार, 25 जुलाई 2012

राजस्थानी वाचिक परंपरा का लाडला गीतकार देवकरण मेघवंशी

किशोर पारीक “ किशोर”

राजस्थानी भाषा साहित्य को सुदूर दूर दूर तक लोकप्रिय बनाने में राजस्थानी कविता मंच और मंच के कवियों का अभूतपूर्व योगदान रहा है ! मेघराज मुकुल की “सेनाणी”, गजानन वर्मा (रतनगढ), की “बाजरे की रोटी”, विश्वनाथ विमलेश(झुंझुनू), की “बीनणी बोट देबा चाली” रघुराज सिंह हाडा (झालावाड), की “ आज चांदणी पील्यां” कल्याण सिंह राजावत (जयपुर) की “लीरा लीरा जिंदगी और बेलड़ी” कन्हैया लाला सेठिया (पिलानी), की “धरती धोरां री और अरे घास री रोटी” धन्ना लाल सुमन की “म्हारे देस रो किसान” कान दान “कल्पित” (नागोर) की “ डब-डब भरिया बाईसारा नैण” मोहम्मद सद्दीक(बीकानेर) की “ थे मज़ा करो महाराज थांकी पांचू घी में है “ बिहारी शरण पारीक(जयपुर) की “बफर का खाणा और रंगोली” बुधिप्रकाश पारीक(जयपुर) की “ईं मंदर सू कोई म्हाकी ज्यूत्यां लेगो चोर” दुर्गादान सिंह गौड (कोटा) की “गोरी गोरी गजबन बणी-ठणी, मुजरो मुजरो खमा घणी” मुकुट मणिराज (सुल्तानपुर-कोटा) की “काळजो कुतारगी रे, छोरी तीखा नैणा वाली” जैसी रचनाओं के माद्यम से राजस्थानी का प्रचार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ! ऐसे ही युवा रचनाकार-काव्यधर्मी हैं केकडी के राजस्थानी भाषा के मीठे गीतकार देवकरण मेघवंशी !

1 जुलाई 1973 को अत्यंत निर्धन कृषक परिवार में जन्मे तीन वर्ष की उम्र में पिता का साया उठने पर माँ की मेहनत से पढ़े, उच्च शिक्षा के लिये स्वंय ने मजदूरी की ! बी.ए, बी.एड अंगरेजी तक अध्ययन करने के साथ-साथ उन्होंने एक गीतकार के रूप में उभरना शुरु किया और आज एक सद्य राजस्थानी हास्य गीतकार है, देवकरण मेघवंशी ! हिंदी और राजस्थानी कविता की वाचिक परंपरा का ये लाडला रचनाकार घंटों मंच से लोगों को बांधे रखने में दक्ष है।

देवकरण मेघवंशी के गीतों में जीवन के बेहद आम लगने वाले राजस्थान की भाव भूमि से उठाये विविध विषय, सम्मिलित होते हैं ! रोज़मर्रा की समस्याओं को हास्य से प्रवाहित कर उनकी बेबाक़ी और गीत अदायगी उन्हें अपनी पीढ़ी के रचनाकारों में विशिष्ट बनाती है।

इन्हें काव्य संगम, अजमेर से युवा राजस्थानी गीतकार सम्मान, साहित्य सर्जन कला मंडल, शाहपुरा से राजस्थानी कवि सम्मान, जिला कलक्टर अजमेर पुष्कर मेला प्रशस्ति पत्र, भारत विकास परिषद सम्मान, विजयनगर क्लब द्वारा सम्मान, अखिल भारतीय स्टार पर मेघवंशी शिरोमणि सम्मान, भारती मंच, लाडनू द्वारा युवा रचनाकार पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है !

मेघवंशी की कविताओं का आकाशवाणी, दूरदर्शन, धमाल एवं दबंग चैनल पर भी टीवी प्रसारण हो चुका है । मंच के बेहद कुशल संचालक मेघवंशी ने राजस्थानी में हास्य एवं गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को राजस्थानी भाषा की मधुरता का आभास कराया।

इनकी लोकप्रिय रचनाएँ है !

कुरजां गीत में श्रेष्ठ अनुप्रास और अलंकार का अनूठा प्रयोग किया गया है !

“ पगल्या पूजूं पंगा पडूं पंचरंग पोम्चो फेरा स्यूं,

कूण्डा में पानी भरके म्हू थारे खातिर लटका स्यूं,”

मोतीडा री जाजम पर जीमण करास्यूं

कुरजां म्हारी ये कुरजां प्यारी ये !

एक गीत में यमक और अनुप्रास का सुन्दर प्रयोग देखें ! विरहण का पत्र पति नाम से ली गयी

“पल पल पलकां परदेशी स्यूं प्रीत पाळ पछताय,

पुरवा पवन प्रीत में, पागल पलट पंछाटा खाय !

हिरदा री हरियाली हारी, हार्यो हर हकदार

हियो हारकर हिरदा वालो, हुयो हिया को हार

इनकी एक श्रंगारिक रचना के माध्यम से श्रोताओं को गुदगुदाती है।

“बण ठण चाली म्हारी काळजा री कोर,

म्हारो काळज्यो ही छोड़ग्यो ठोर,

गजबण गजब करे”

इनके एक पहचान हास्य गीत की पंक्तिया !

तेल समझ कर गरम दूध में बणा रियो नमकीन

हलवाई की हालत बिगड़ी बण्यो गज़ब को सीन

प्रवासी राजस्थानियों के लिए लिखी गई अनुपम रचना धरती राजस्थान की !

धूळा मायं धूळ हो रिया महळ माळल्या प्यारा रे

आँगणियाँ अटक्यो धूळा स्यूं कोनी खाया वाळा रे

घर में ही घर घाल पखेरू बाट जो हे मेहमान की

आजा मनरा मीत चितारे धरती राजस्थान की

हास्य कविताओं के लिए जाने जाने वाले इस कवि के पास अनेको मार्मिक कविताएँ भी है ! मेघवंशी के गीत जाड़ों की उस कच्ची, गुनगुनी धूप का आभास देते हैं, जिसे आँख खोल कर जाँचने-परखने में नहीं अपितु हल्की तन्द्रा में जिसके स्पर्श को अन्तरतम तक अनुभूत करने में जो सुख है, वह शब्दातीत है। देवकरण मेघवंशी के गीतों कविताओं का आनन्द श्रोताओं ने सुनकर ही लिया हैं निकट भविष्य में ये अपनी रचनाओं का एक संग्रह भी प्रकाशीत करवाने की और अग्रसर है, जिससे पाठक भी इन रस सिक्त कविताओं का आनंद उठा सकेंगे

मेघवंशी को सक्रिय राजनीति में जाने की अनुमति


खबरकोश न्यूज






भीलवाड़ा, 25 जुलाई 2012। दलित आदिवासी एवं घुमन्तु अधिकार अभियान राजस्थान तथा संयुक्त दलित संगठन की केंद्रीय कमेटी ने सामाजिक कार्यकर्ता
भंवर मेघवंशी को सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान कर दी है।

डगर के प्रदेश संयोजक परशराम बंजारा तथ जिला संयोजक महादेव रेगर एवं संयुक्त दलित संगठन के प्रवक्ता आर.पी. बैरवा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में उपरोक्त जानकारी देते हुये बताया गया कि मेघवंशी ने राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करने की इच्छा जाहिर करते हुए अनुमति मांगी थी। व्यापक विचार विमर्श के पश्चात संगठन ने मेघवंशी को अनुमति देने का फैसला सर्वसम्मति से किया है।

डगर के प्रदेश संयोजक बंजारा ने कहा है कि प्रदेश भर के दलित, आदिवासी एवं घुमन्तु समुदाय के जनसंगठन समाजसेवी मेघवंशी के राजनीति में सक्रिय होने के फैसले से उत्साहित है तथा वे चाहते है कि मेघवंशी शीघ्र ही किसी राजनीतिक दल की सदस्यता ले और बड़ी भूमिका निभावें।
डगर के प्रदेश सचिव लखन सालवी ने जानकारी दी कि हाल ही में माण्डल क्षेत्र के शिवपुर गांव में हुई विशाल आध्यात्मिक सभा को संबोधित करते हुए मेघवंशी ने भी राजनीतिक सक्रियता का संकेत दिया था, तब से ही दलित, आदिवासी, घुमन्तु एवं अल्पसंख्यक व अन्य वंचित समुदायों में उत्साह बना हुआ है तथा उम्मीद की जा रही थी कि डगर की ओरस से कोई बड़ा निर्णय लिया जायेगा और अन्ततः डगर ही नही बल्कि शेष दलित संगठनों ने भी मेघवंशी के राजनीति में सक्रिय होने के फैसले पर मुहर लगा दी है।

उल्लेखनीय है कि सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी को ग्रामीण मजदूर किसानों, दलितों व आदिवासियों के हित में किये गए कार्यों की बदौलत राष्ट्रीय स्तर पर कई अवार्ड मिल चुके है। उन्हें प्रतिष्ठित सरोजनी नायडु अवार्ड, भौरूका पुरस्कार, मानव गरिमा पुरस्कार, सामाजिक न्याय अवार्ड, अम्बेडकर अवार्ड, सिटीजन फॉर पीस अवार्ड सहित दर्जनों अवार्ड मिले है। वर्ष 2007 में उन्हें ‘हीरो ऑफ दी होप’ घोषित किया गया था, वहीं उन्हें ‘शांतिदूत और उम्मीद का नया चेहरा’ भी घोषित किया गया। मेघवंशी मूलतः लेखक है, उन्होंने सैकड़ों आलेख और विभिन्न विषयों पर 18 किताबें लिखी है तथा देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापन व दस्तावेजीकरण का काम किया है। उन्होंने 3 डॅाक्यूमेंन्ट्री फिल्में भी बनाई है तथा दलित आदिवासी समुदाय को न्याय दिलाने के लिये कई जन आंदोलनों में भी नेतृत्वकारी भूमिका निभाई।

मेघवंशी महानरेगा, खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक अंकेक्षण एवं सूचना का अधिकार जैसे मुद्दों पर भी निरन्तर सक्रिय रहे है, वे आजकल अपने गांव में स्थित ‘अम्बेडकर भवन’ के जरिये जन सरोकार के मुद्दों पर संघर्षरत है तथा एक लोकप्रिय न्यूज वेबसाइट ‘खबरकोश डोट कॉम’ का भी सम्पादन करते है तथा अब शीघ्र ही किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़कर सक्रिय राजनीति में भागीदारी निभायेंगे।


शनिवार, 7 जुलाई 2012

(मेघवंश - एक दिशा) meghwanshiyo ki nai kiran कबीरपंथी समुदाय,मेघवंशी समुदाय

दलित उद्यमियों की मुलाकात बनी यादगार होटल मेरिटो में | डिक्की का बनेगा चेपटर | राजस्थान के कोडिनेटर होगें: टी.आर. मेघवाल (रदुआ बिल्डकाॅन प्रा. लि)

जयपुर (24/12/2011)http://divyatarang.com/detail.aspx?id=145 (सुरेश कुमार) दलित उद्यामियों की मुलाकात सात सितारा होटल मेरिटो में यहां गुलाबी नगरी में डिक्की के आल इण्डिया चेयरमेन मिलिन्द कांबले के मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि डिक्की के मेन्टर चन्द्रभान प्रसाद ने किया। प्रान्त के नामी उद्यमियों की एक मुलाकात यादगार बनी। मीटिंग में अपने व्यवसायों की गतिशीलता पर गहन विचार विमर्श किया गया। डिक्की के अध्यक्ष मिलिन्द काम्बले ने कहा कि हम सभी मिलकर भारत की विकास दर में भागीदार बने हुए है इसका पता हमारे बिजनस टेक्स पे के रूप में शेयर करने से चल रहा है। डिक्की चेयरमेन ने कहा कि यहां सदस्यता पर ध्यान दे और फरवरी तक यहां के उद्यामियों से जुड़ाव बनाया जाये। राजस्थान के उद्यामियों का चेपटर बने इस पर विचार विमर्श के बाद टी.आर. मेघवाल-रदुआ बिल्डकाॅन प्रा. लि. के चेयरमेन को राजस्थान चेप्टर का काॅर्डीनेटर होंगे। डिक्की के मेन्टर चन्द्रभान प्रसाद ने कहा कि बाबा साहब ने जो दलितों के लिए सपना संजोया था कि वे मुख्य धारा से जुड़े और अशिक्षा, बेरोजगारी, साहूकारों, जमीदारों के कर्ज से मुक्ति मिले। वो सपना साकार हो रहा है। जो आज आप देख रहे है कि सात सितारा होटल में उद्यमियों की मुलाकात होना गौरव का विषय है। साथ ही दलित एकजुट होकर आपस में बिजनस मेकिंग में सहयोग कर रहे हैं। मेन्टर ने कहा कि आज दलित उद्यमियों ने देश की बडी-बड़ी कम्पनियों में अपने काम की पहचान बनाई हैं। वर्तमान में अगर दलित उद्यमियों द्वारा उनको पार्ट या सामग्री सप्लाई नहीं करे तो उनकी कम्पनियां को रोड पर आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। अन्त में डिक्की मेन्टर ने कहा कि हम सभी भाईयों को जुड़ना होगा और अपना स्टेण्ड बनाना होगा। जिससे अपने आप में अलग से दलितों की पहचान होगी। जिसको भी डिक्की की आवश्यकता होगी उसमें हम सब मिलकर हर परिस्थितियों में कदम से कदम मिलाकर चलने का प्रयास करेंगे। डिक्की के राजस्थान काॅडिनेटर ने उद्यमियों को अपने सम्बोधन में कहा कि प्रान्त के चेपटर में उद्यमियों को अपना सदस्य और कार्य प्रसार के लिए जुड़ाव और उनकी आवश्यकताओं को देखते हुए हर वर्ष दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में अपना सेमीनार आयोजित करने की घोषणा की। उद्यमियों में गोपाल डेनवाल अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा, नीरज डांगी, राजेश कुमार चैहान ए.आर. बिजनस सिस्टम, महेन्द्र सिंह सेवा निवृत्त आई.ए.एस, रूपाराम धणेद अति. मुख्य अभियन्ता, महेश मोरदिया सेकेट्री आर इण्डिया यूथ काँग्रेस, कमल डांगी, दिवाकर डांगी, इन्द्रराम पानुसा, जेयपाल, इन्दरमल, महेन्द्र कुमार, इन्जिनियर संजीव गोठवाल, पोखर मल, अतर सिंह कमलाकर ए.ई. जयपुर डिस्काॅम, अजित सिंह, खाजन सिंह, ए.ई.एन. ओम प्रकाश जाटव, प्रदीप कुमार वैष्णव मार्केटिंग मैनेजर रदुआ बिल्डकाॅन प्रा. लि., डाॅ. बी.सी. वर्मा निदेशक डाॅ. भीमराव अम्बेडकर

समय और पैसे की बचत करे - डेनवाल निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन में 60 जोडें बने हम सफर

राष्ट्रीय सर्व मेघवाल महासभा के अध्यक्ष गोपाल डेलवाल

दूदू। बलाई समाज जाग्रति संस्थान की ओर से निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन में 60 जोडें बने हम सफर। सामूहिक विवाह सम्मेलन के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सर्व मेघवाल महासभा के अध्यक्ष गोपाल डेलवाल ने कहा कि इससे समाज में एकजुटता आएगी और समय व पैसे की बचत की जा सकती है। डेनवाल ने कहा कि समाज को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और आगे आना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि आई.जी.पी. सफल सिंह ने कहा कि समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। सिंह ने कहा कि समाज को सामाजिक बुराईयों का त्याग करना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक कन्हैयालाल निराणिया ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का माला व साफा पहनाकर आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही समारोह में सहयोग देने वाले भामाशाहों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष रामकरण तुवाल, महामंत्री रतन लाल मलीड़ा, वरि. उपाध्यक्ष हनुमान सहाय भाटीया, उपसचिव रामचन्द्र गांधी, कोषाध्यक्ष डाॅ. रामकरण बनुक सहित जाग्रति संगठन के पूरे परिवार ने समाज की सेवा कर पुण्य अर्जित किया। समारोह के अंत में स्थानीय सरपंच श्रीमती सुप्यार भण्डाना ने समाज की सराहना करते हुए एक बीघा जमीन मालपुरा रोड़ पर छात्रावास के लिए जाग्रति संस्था को दिलवाने की घोषणा की। समारोह का संचालन संयोजक कन्हैया लाल निराणनिया ने किया।


मेघवाल समाज मेघ सेना का गठन

पड़ाना-!-सर्व मेघवाल महासभा की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से सारंगपुर ब्लाक इकाई का गठन किया गया। इसमें समाज अध्यक्ष गोकुल प्रसाद दुगारिया पड़ाना को मनोनीत किया गया है। इनके साथ उपाध्यक्ष गौरी लाल वर्मा, सचिव कालू राज वर्मा को बनाया गया है। इस दौरान मेघ सेना का गठन किया गया, जिसमें रामचंद्र वर्मा, जगदीश सूर्यवंशी व शंकर लाल जाधव शामिल हैं।

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

  सीकर खोरी गांव में मेघवाल समाज की सामूहिक बैठक सीकर - (नवरत्न मंडूसिया) ग्राम खोरी डूंगर में आज मेघवाल परिषद सीकर के जिला अध्यक्ष रामचन्द्...