सोमवार, 12 जून 2017

मेघवाल समाज के नौरत राम लोरोली ने 16 साल की उम्र से शुरू की समाज सेवा आज विश्व लेवल की पहचान बन गयी :- नवरत्न मन्डुसिया

नवरत्न मन्डुसिया की कलम से //मेघवाल समाज के भीम पुत्र ने विपरीत पारिस्थितियो से गुजर कर किया संगठन का उदय आइये जानते है भीम पुत्र नौरत राम लोरोरी  के बारे मे दोस्तो नौरत राम लोरोली का समाज मे शुरू से ही रुचि दायक था नौरत राम लोरोली ने समाज सेवा पर केवल 16 साल की छोटी सी उम्र मे किया था जब नौरत राम लोरोली 16 साल के थे तो उनको यह समझ मे नही आया की मे आज के युग मे आगे बढ़ पाऊँगा या नही लेकिन फ़िर भी नौरत राम लोरोली ने 16 साल की उम्र मे आगे बढ़ना शुरू कर दिया और वो उम्र देखे तो आज के ज़माने मे किसी भी जाति से कम नही है  नौरत राम लोरोली ने एक विश्व लेवर का संगठन बनाया और वो संघठन आज पूरे राजस्थान मे बहूत जोरों शोरो से चल रहा है दोस्तो जब मेरी नौरत राम लोरोली की बात फोन पर हुई तो उनके बोल इतने अच्छॆ थे की मेने मन ही बना लिया की नौरत राम लोरोली की पूरी बाते मेघवाल समाज के ब्लोग पर पोस्ट कर दूँ  दोस्तो आजकल के युग मे बहूत से कम लोग है जो बिना स्वार्थ लोग समाज की सेवा करते है आजकल के ज़माने मे देखे तो बहूत ही कम लोग मिलते है जो लोग समाज सेवा करते है दोस्तो ये संगठन- डॉ. अम्बेडकर स्टुडेंट फ्रंट ऑफ इण्डिया (डीएएसएफआई) ही होगा जो आज तक इनके अलावा किसी भी संघठन ने चुनाव नही लड़ा लेकिन इस भीम संघठन ने लगभग राजस्थान मे चुनाव भी लड़ा और कई जगह चुनाव भी जीते है  दोस्तो इस संगठन को कोई भी उदेश्य नकारात्मक नही है और ना ही किसी जाति विशेष से है इसका उद्देश्य है तो बहुजन समाज को आगे बढाना और दलितों पर हो रहे अत्याचारों को रोकना दलित वर्ग को शिक्षा दिलाना ही महत्वपूर्ण उद्देश्य है इस संघठन के द्वारा लोगो के बीच चर्चित नाम- *अम्बेडकरवादी छात्रों की आवाज को बनाना और इनकी उपलब्धियां जातिवाद से पूरी तरह भरी पडी राजस्थान की कॉलेज राजनीति में एक जाट छात्र नेता ने चैलेंज करते हुए कहा था कि आपकी हैसियत नही है हमारे सामने खड़े होने की तो टिकट लेकर क्या करोगे। नोरतराम लोरोली मानते है कि यह बात हमारे हर छात्र नेता को सुनने को मिलती है जब टिकट मांग ने की बात आती है। उस वक्त नोरतराम लोरोली ने जाट नेता को चैलेंज करते हुए कहा था कि जिस दिन तेरे संगठन से ज्यादा वोट लेकर आऊंगा उसी दिन कालेज में आउंगा।नोरतराम लोरोली ने बाबा साहब अम्बेडकर का अध्ययन किया है ओर राजस्थान की छात्र राजनीति में एक नया अध्याय जोडते हुए एक गैर राजनैतिक छात्र संगठन की स्थापना कॉलेज में कर दी। आपको बता दे कि अभी तक समाज में बहुत बडे बडे संगठन बने है मगर बाबा साहब के नाम पर यह एक मात्र संगठन बना था। जिसका मकसद कॉलेज राजनीति के साथ साथ सामाजिक भेदभाव को मिटाना था। 2014 के छात्रसंघ चुनाव में  संगठन को उतारा। मगर सफलता नही मिली क्यूं कि अम्बेडकर नाम से होने पर छात्रों को डर लगता था। मगर 2015 में संगठन ने राजस्थान के आधे जिलों की जिलामुख्यालय की कॉलेज में नोरतराम लोरोली जी के नेतृत्व उतारे तो एक इतिहास बनकर सामने आया।   ओर  बाबासाहेब के नाम बने इस संगठन के 6 छात्र संघ अध्यक्ष बनकर कर आये जो एक बदलाव की खबर थी 2016 में एक बडा बदलाव आया जो यह था कि डीएएसएफआई राजस्थान का सबसे बडा अम्बेडकरवादी छात्र संगठन बना. ओर नोरतराम लोरोली राजस्थान के चर्चित अम्बेडकरवादी छात्रनेता । क्यूं कि राजस्थान विश्वविधालय  जो राजस्थान की राजनीति का गढ है मैं डीएएसएफआई की समर्थक उम्मीदवार अकिंत जीतकर आया।। कई बार विरोधी छात्र संगठनों ने हर प्रकार का दबाव बनाया- नोरतराम लोरोली ने कॉलेज कैंपस में अपने छात्रों को मनुवाद से बाहर निकालने  व अम्बेडकरवाद के लिए *संघर्ष व स्वाभिमान* का नारा दिया।- सोसल मीडिया पर राजस्थान के सबसे ज्यादा चर्चित छात्रनेता है और अम्बेडकर जी नाम पर सबसे पहले राजस्थान में एक शाम बाबा साहब के नाम कार्यक्रम किया जिसमे हजारो की तादात मे भीम सेनिक भीम पुत्र और कई लोग शामिल हुवे थे - अम्बेडकर जयंती पर सबसे बडा रक्तदान शिविर सहित कई सामाजिक आंदोलन बाबासाहेब के जीवन पर पुस्तक व कलैंडर का प्रकाशन करवा चुके हर अत्याचार पर आंदोलन में अग्रणी रहते है - मकसद राजस्थान की प्रत्येक महाविधालय में अम्बेडकरवाद का प्रसार प्रचार करना है - राजस्थान की अम्बेडकरवादी छात्र राजनीति का सबसे बडा. नाम है और - छात्र राजनीति में अकेले  ने  अम्बेडकरवाद को फैलाया किसी भी छात्र संगठन से नही डरे अब तक बहुजन छात्रों के साथ बै़ठकर जबर बहुत काम किये- बाबा साहब का ज्ञान, कांशीराम जी की शिक्षा लेते है। शेर जैसी तेज तर्रार आवाज है ।- हर कॉलेज में बाबा साहेब को नाम फैला कर छात्रों का साथ जीता।- कॉलेज कैंपस में जातिवाद को मिटाया। अम्बेडकरवाद  के साथ छात्रों को एकजुट किया।  बहुजन छात्रों की आवाज बनकर  साथ रहना। उनके हर आंदोलन को छात्रहितों के साथ आवाज देना।
कॉलेज में स्वाभिमान की राजनीति लेकर हर इंसान इस बात को जानता है। महाविधालय में अम्बेडकरवाद की जोत जगा दी।
- नोरतराम नाम है लोरोली गांव है। मेघवंशी जैसा रहन सहन ओर ठाठ है। पर विश्वास रखते है (नवरत्न मन्डुसिया की कलम से)

अनु मेघवाल राजस्थान की सबसे सक्रिय समाज सेविका :- नवरत्न मन्डुसिया

अनु मेघवाल मीडिया से रूबरू होती हुई 

नवरत्न मन्डुसिया की कलम से //अनु मेघवाल की दास्तान हिसाब से फिल्मी नजारों से कम नही है दोस्तो मे बहिन अनु मेघवाल को अक्सर देखता हूँ तो अनु मेघवाल हमेशा व्यस्त ही ही रहती है वो भी समाज सेवा मे अनु मेघवाल राजस्थान की महिलाओ मे सबसे सक्रिय समाज सेविका है क्यों की यह सबसे कठिन काम को सरल बनाने मे एक्सपर्ट है इस कारण आगे बढ़ने की जिद हमेशा रखते है
अनु मेघवाल का वेसे सरकारी विभाग मे चिकित्सक के पद पर चयन हो रखा है और अनु मेघवाल मेरे हिसाब से मेघवाल समाज का नाम भी रोशन करेगी क्यों की इतनी कम उम्र मे उनके बोलने का टेलेंट भी डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम मदर टेरेसा दलित सम्राट कांशीराम जी और बाबा साहेब से कम नही है मेरी और से अनु बहिन को ढेर सारी शुभकामनाएँ आपके साथ है की आप हमेशा आगे बढ़ते रहे और समाज सेवायें करते रहे मुझे  तो आपको एक ही बात कहनी है की आप हमेशा दलितों की हितेषि रहना दोस्तो वेसे मे अनु मेघवाल को व्यक्तिगत और मिलकर आपको पूरी जानकारी प्रेषित करूँगा  वेसे अनु मेघवाल मेरी सोशियल फेसबुक दोस्त है और मे अनु मेघवाल से जल्द ही मिलूंगा और उनके बारे मे आपको पूरी जीवनी से अवगत कराऊंगा दोस्तो अनु बहिन का पूरा सहयोग करे मे नवरत्न मन्डुसिया अनु मेघवाल को पूरा सहयोग ककरता हूँ  अनु मेघवाल साधारण कपड़ो और  सूती साड़ी और हवाई चप्पल में वह साधारण स्त्री ही नजर आती हैं। जब फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना शुरू करती हैं तो समझ आता है कि वह घाट की रहने वाली नहीं हैं। जब भाषण देती है तो वहां जमा होने वाली भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी बातों का कितना असर हमारे देश पर है। अनु मेघवाल ने सामाजिक अध्ययन के क्षेत्र में बहूत योगदान  किया है। और समझा है की हमे किस तरह से आगे बढ़ना है
 अनु मेघवाल के तर्क  :-- अनु मेघवाल
जीवन-स्तर को उन्नत बनाने का प्रयत्न करती है। मेघवाल कहती है की जब हम सामाजिक विचारो को उकेरे तो आप इस हिसाब से उकेरे की समाज मे सकारात्मक क्रांति फेले सामाजिक कार्य को सकारात्मक, और सक्रिय हस्तक्षेप के माध्यम से लोगों और उनके सामाजिक माहौल के बीच अन्तःक्रिया प्रोत्साहित करके व्यक्तियों की क्षमताओं को बेहतर करना ताकि वे अपनी ज़िंदगी की ज़रूरतें पूरी करते हुए अपनी तकलीफ़ों को कम कर सकें। इस प्रक्रिया में समाज-कार्य लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति करने और उन्हें अपने ही मूल्यों की कसौटी पर खरे उतरने में सहायक होता है।

समाजसेवा वैयक्तिक आधार पर, समूह अथवा समुदाय में व्यक्तियों की सहायता करने की एक प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति अपनी सहायता स्वयं कर सके। इसके माध्यम से सेवार्थी वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में उत्पन्न अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाने में सक्षम होता है। समाजसेवा अन्य सभी व्यवसायों से सर्वथा भिन्न होती है, क्योंकि समाज सेवा उन सभी सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक कारकों का निरूपण कर उसके परिप्रेक्ष्य में क्रियान्वित होती है, जो व्यक्ति एवं उसके पर्यावरण-परिवार, समुदाय तथा समाज को प्रभावित करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरण की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक शक्तियों के बाद व्यक्तिगत जैविकीय, भावात्मक तथा मनोवैज्ञानिक तत्वों को गतिशील अंत:क्रिया को दृष्टिगत कर ही सेवार्थी की सेवा प्रदान करता है। वह सेवार्थी के जीवन के प्रत्येक पहलू तथा उसके पर्यावरण में क्रियाशील, प्रत्येक सामाजिक स्थिति से अवगत रहता है क्योंकि सेवा प्रदान करने की योजना बताते समय वह इनकी उपेक्षा नहीं कर सकता। दोस्तो अनु मेघवाल को राजस्थान से हर हिस्से से आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करे और आगे बढ़ाने मे सहयोग करे (नवरत्न मन्डुसिया की कलम से )
अनु मेघवाल मीडिया से रूबरू होती हुई 

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

  सीकर खोरी गांव में मेघवाल समाज की सामूहिक बैठक सीकर - (नवरत्न मंडूसिया) ग्राम खोरी डूंगर में आज मेघवाल परिषद सीकर के जिला अध्यक्ष रामचन्द्...