गुरुवार, 23 मार्च 2017

निर्मला मेघवाल को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किया समानीत


राजकीय जमुना देवी पांडेय बालिका सीसै स्कूल पाटन नीमकाथाना  की प्रधानाचार्य निर्मला देवी मेघवाल को शिक्षक दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया जाएगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी निर्मला देवी को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र, 50 हजार नकद सिल्वर मैडल देंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 3 से 5 सितंबर तक दिल्ली में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए निर्मला देवी को आमंत्रित किया गया है। उनको यह पुरस्कार श्रेष्ठ बोर्ड परीक्षा परिणाम, गाइडिंग के क्षेत्र में राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष योगदान, पुरस्कारों समाजसेवा के लिए दिया जा रहा है श्रीमती निर्मला जी मेघवाल नीमकाथाना
अनुसुचित जाति राजस्थान की पहली महिला है जिनका चयन
नैशनल टीचर आवार्ड
के लिए हुआ है
जो हमारे समाज और राजस्थान के अनुसुचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए बहुत खुशी की बात है

पुरुषोत्तम मेघवाल ने छोड़ी दस से ज्यादा बड़ी सरकारी नौकरियाँ और 150 से ज्यादा युवाओं को बनाया आई.ए.एस & आई.पी.एस

 उच्च शिक्षित होने के बावजूद इन युवाअों ने कोई बड़ा सरकारी पद और किसी कंपनी में नौकरी कर बड़ी सैलरी पाने का सपना नहीं संजोया। गोल्ड मेडलिस्ट,एमटेक और प्रशिक्षित आईएएस होने के बाद भी सभी में कुछ अलग करने की चाहत है।
मीनल मुंशी,दिल्ली के आईआईटीएम से एमबीए(गोल्ड मेडलिस्ट)हैं। विजय पाटीदार,एमटेक हैं तो वहीं पुरुषोत्तम मेघवाल प्रशिक्षित आईएएस। ये चंद नाम बानगीभर है...राजधानी में ऐसे हजारों  से अधिक युवा हैं,जो अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए निर्धन बच्चों व अन्य विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। और खास बात तो यह है ॥ की पुरुषोत्तम मेघवाल ने अब तक बड़ी से बड़ी नौकरियों को छोड़कर अबतक 150 युवाओं को आई.ए एस और आई .पी.एस बनाया है और अभी इनका नीमच (मध्यप्रदेश ) मे मेघवाल निःशुल्क के नाम से कोचिंग सेंटर है  जिसमे हजारो युवा कोचिंग कर रहे है 
इन्होंने बीड़ा उठाया गरीब परिवारों के बच्चों को निशुल्क पढ़ाने का। इनमें से कुछ ऐसे हैं,जिन्होंने सरकारी और गैर सरकारी नौकरी कुछ ही दिन करने के बाद छोड़ दी। अब वे इसे मिशन के रूप में अपनाते हुए बच्चों को शिक्षित व संस्कारवान बनाने के काम में जुटे हैं। और हमे ऐसे युवा पर गर्व करना चाहिये की आज के ज़माने मे निःशुल्क सेवायें दे रहे है  और सबसे बड़ी बात यह भी है की यह युवा गरीबो की सेवा भी करते है यदि किसी भी गरीब की फरियाद पुलिस या अन्य दफ्तर नही सुनता है तो उस दुःखद घड़ी मे उस गरीब का साथ पुर्षोतम मेघवाल देते है ॥ दोस्तो आजाद हिन्दुस्तान मे लोग आपसी स्वार्थ निकालते है लेकिन आज के ज़माने मे पुरुषोत्तम जी मेघवाल बिना स्वार्थ युवाओं को निःशुल्क सेवायें दे रहे है ॥
इन सबका कहना है कि वे पढ़-लिख कर कोई अच्छी नौकरी कर सकते थे,पर उनके मन में यह पीड़ा है कि वे तो परिवार के आर्थिक सहयोग से पढ़-लिख गए पर उन बच्चों का क्या,जो गरीब परिवारों के होने के कारण अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते। ये सभी,जिसे जहां जगह मिली वहीं कक्षाएं लगाकर उन्हें मुफ्त में पढ़ा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनकी तरह कई अन्य शिक्षित लोग शिक्षा को व्यवसाय का जरिया न बनाकर विद्यादान करेंगे। वे चाहते हैं कि हर सक्षम व्यक्ति एक-एक गरीब बच्चे को गोद लेकर उसकी पढ़ाई का जिम्मा ले। और वो गरीब बच्चा पढ़ लिख कर अपने माता पिता की सेवा करे

शिक्षा से सेवा का मन
पुरुषोत्तम मेघवाल शाजापुर में नायब तहसीलदार,कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज में असिस्टेंट कमिश्नर व नीमच के सरकारी काॅलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। पर उन्होंने ये सभी नौकरियां छोड़ दीं। वजह बताते हैं कि मुझे कुछ अलग करना था। आय के कुछ साधन बना रखे हैं। उनसे काम चल जाता है।
 एक साल अधिक समय से एमपी नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ मंदिर के एक बड़े हाल में हर गुरुवार व शुक्रवार शाम साढ़े छह से साढ़े आठ बजे तक कक्षा लगाकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे करीब हजारों  बच्चों को निशुल्क कोचिंग दे रहे है ॥। गायत्री परिवार के साथ जुड़ने पर मुझे यह विचार आया। मंदिर ट्रस्ट ने मुझे यह जगह निशुल्क प्रदान की है।

मेघवंशी सायर जयपाल के पुत्र बाबा रामदेव जी महाराज थे

 सायर जयपाल एक दलित समुदाय के मेघवाल जाति व्यक्ति तथा पोखरन के जागीरदार राजा अजमल सिँह तंवर के घोड़ो को चराते थे| अवतारी बाबा रामदेव पीर का अवतरण उनके घर हुआ था। जिसे अवतार बताया गया जो एक रहस्य है। लेकिन ज्यादा तर लोगो को यह पता नही है ॥ की बाबा रामदेव जयपाल सायर मेघवाल के घर जन्मे थे और इस बात का राजस्थान उच्च न्यायालय ने मेघवाल समाज के पक्ष मे दिया गया की बाबा रामदेव जी महाराज मेघवाल समाज के जयपाल गौत्र मे जन्मे थे 
रहस्य:- बाबा रामदेव के जन्म के इतिहास में इस महान रहस्य को छिपाया गया है। जिसमें बाबा रामदेव पीर का अवतार राजा अजमल तथा माता मेणादे बताया गया है। बिना मां की कोख से किसी बच्चे का जन्म हो सकता है। बाबा रामदेव का अवतार नहीँ जन्म हुआ था। वो भी मेघवाल समुदाय मे जो प्रसिद्ध इतिहासकार रामचन्द्र कड़ेला ने 'अवतारवाद के शिकार लोक क्रान्तिकारी महामानव-बाबा रामसापीर' नामक अपनी कृति मे लिखा है। "सायर सुत मंगनी रा जाया, ज्यारी महिमा भारी भेंट कियो सुत अजमलजी ने, सायर ने बलिहारी। मेघरिखा संग तंवर वंश रा, भाग जागिया भारी दुनिया जाणे रामदेवजी ने अजमल घर अवतारी." इस रहस्य से सबसे पहले पर्दा जोधपुर के उत्तम आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी रामप्रकाशाचार्य जी ने अपनी किताब "रामदेव गप्प पुराण" तथा "ढोल में पोल" में किया। जिसमें बाबा रामदेव का जन्म सायर मेघवंशी के घर माता मंगनी की कोख से हुआ बताया गया। प्रसिद्ध दलित लेखिका कुसुम जी मेघवाल ने अपनी पुस्तक 'मेघवाल बाबा रामदेव' वर्ष 2006 में एक शोध ग्रन्थ - 'रामदेव पीर' एक पुनर्विचार में प्रकाशित हुआ जिसमें एक बात समान थी। सायर जयपाल मेघवाल तथा माता मगनी देवी थे। तथा बाड़मेर जिले के उण्डू काश्मीर गांव के रहने वाले थे। उण्डू काश्मीर में बाबा रामदेव का सायर मेघवाल के घर जन्म है। डाली बाई बाबा रामदेव की सगी बहन है।
बाबा रामदेव पीर के जन्म सम्बंधित मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में गया जहा से फैसला मेघवाल समुदाय के पक्ष में हुआ। बाबा रामदेव मेघवाल है और वे सायर मेघवाल के पुत्र है।
सन्दर्भ

आजाद हिंदुस्तान मे एक नयी सोच बाड़मेर जिले के गाँव का सकारात्मक नशा मुक्ति क़दम

मे नवरत्न मन्डुसिया एक सकारात्मक जानकारी अपने ब्लॉग के माध्यम से उपलब्ध करवा रहा हूँ अक्सर होली के त्यौहार पर हर आदमी नशा करता है। लेकिन बाड़मेर के सीमावर्ती आसाड़ी गांव में रहने वाले मेघवाल समाज के  लोगो ने इस होली के दिन एक साथ जाजम पर बैठ कर एक ऐसा फैसला लिया की इस फ़ेसले से आने वाले दिनो मे युवाओं को सकरात्मक प्रभाव पड़ेगा जिसके कारण  यह बाड़मेर का आसाडि गाँव देश विदेश और राजस्थान मे  प्रशंसा हो रही है। दरअसल जानकारी के मुताबिक आसाड़ी गांव में मेघवाल समाज ने किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में किसी भी नशा नहीं करने का निर्णय लिया है। और इस निर्णय से समाज के लोग बहूत खुश नज़र आ रहे है दोस्तो आजाद हिंदुस्तान मे आपको ऐसे सकारात्मक तथ्य बहूत कम ही मिलेंगे और खासतोर से मेघवाल समाज लेकिन आसाडी गाँव के मेघवाल समाज के लोगो ने यह साबित कर दिया है की अब हम नशा नही करेंगे तो नही...ही करेंगे मेघवाल समाज की ओर से नशा मुक्ति पर आयोजित संगोष्ठी में विद्यार्थियों ने नशा नहीं करने और परिवार को भी नशा नहीं करने देने की शपथ ली
वो भी एक होली के शुभ अवसर पर यह शपथ ली  आयोजित कार्यक्रम में कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जो न सिर्फ व्यक्ति बल्कि उसके परिवार को भी तबाह कर देती है। समाज में पनप रहे अधिकांश अपराधों का कारण भी नशा है। कहा कि केवल व्यसन मुक्त व्यक्ति ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकता है। और  नशा व्यक्ति के भविष्य को बर्बाद कर देता है। व्यक्ति से उसके जीवन के अमूल्य क्षण छीन लेता है। और वो अमूल्य क्षण वापिस नही आता है ॥
उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों से नियमानुसार 100 मीटर के अंदर सिगरेट, तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थो की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। मेघवाल समाज के युवा साथियों ने मेघवाल समाज को इस दिशा में कार्रवाई के निर्देश दिए। संगोष्ठी का संचालन मुख्य रुप से मेघवाल समाज के लोगो ने  किया। मौके पर समाज के युवा और बुजुर्ग लोग शामिल थे और इस अवसर पर राजू मेघवाल और नरेश मेघवाल का भी योगदान रहा
इसके साथ ही अगर इस गांव में मेघवाल समाज का कोई भी व्यक्ति नशा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ जुर्माने का भी प्रावधान रखा है। आसाड़ी गांव निवासी नारणाराम मेघवाल ने जानकारी देते हुए बताया की होली के दिन गांव युवा वर्ग सहित बुजुर्गो ने नशे और बाल विवाह जैसी कई सामाजिक कुरतियां पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विस्तार से चर्चा की और सभी ने इस पर सहमति दी उसके बाद ही इस तरह का निर्णय लिया गया है। इस दौरान अर्जुनराम,मखनाराम,मेहराराम,खीमाराम,किसनाराम,जेठाराम,कोजाराम,गोरखाराम,मानाराम,नेमाराम,अलाराम,रमेश,आत्माराम सहित कई लोग उपस्थित थे।
*नवरत्न मन्डुसिया की कलम से*

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

  सीकर खोरी गांव में मेघवाल समाज की सामूहिक बैठक सीकर - (नवरत्न मंडूसिया) ग्राम खोरी डूंगर में आज मेघवाल परिषद सीकर के जिला अध्यक्ष रामचन्द्...