शनिवार, 20 जून 2015

रामदेव जी महाराज ने मेघवंशी जाति के लिए समाज में बदलाव लाने के लिए धार्मिक अनिवार्यता के रूप में मेघवंशियों को दो वचन दे गए

समाधि से पूर्व भोली-भाली व निष्ठावान मेघवंशी जाति के लिए समाज में बदलाव लाने के लिए धार्मिक अनिवार्यता के रूप में मेघवंशियों को दो वचन दे गए। पहला मेरी समाधि में पांव रखने से पहले डाली बाई के मंदिर के दर्शन व फेरी लगाने पर ही मेरी पूजा होगी। दूसरा भगवान के जम्मा जागरण में आत्मिक रूप से उन्नत मेघवंशी सदस्य की प्रधानता को अनिवार्यता प्रदान करना अन्यथा वह जागरण संपूर्ण नहीं माना जाएगा।। पहला मेरी समाधि में पांव रखने से पहले डाली बाई के मंदिर के दर्शन व फेरी लगाने पर ही मेरी पूजा होगी। दूसरा भगवान के जम्मा जागरण में आत्मिक रूप से उन्नत मेघवंशी सदस्य की प्रधानता को अनिवार्यता प्रदान करना अन्यथा वह जागरण संपूर्ण नहीं माना जाएगा।

नवरत्न मन्डुसिया

खोरी गांव के मेघवाल समाज की शानदार पहल

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