राजस्थान में बीजेपी के विधायक कैलाश मेघवाल को बुधवार को सर्वसम्मति से राजस्थान विधान सभा का स्पीकर चुन लिया गया. सदन के अस्थायी अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह ने भीलवाड़ा के शाहपुरा से विधायक कैलाश मेघवाल के सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित होने की घोषणा की.
इसके बाद सदन की नेता वसुंधरा राजे, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर डूडी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और शिक्षा मंत्री काली चरण सराफ कैलाश मेघवाल की सीट पर पहुंचे और उन्हें सम्मानपूर्वक अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए.
नवनिर्वाचित अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सत्ता और प्रतिपक्ष को इस पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचन के लिए आभार जताते हुए विशवास दिलाया कि उनसे किसी भी सदस्य को शिकायत नहीं रहेगी. उन्होंने कहा वे सदन की भावनाओं का आदर करेंगे, निष्पक्षता से सदन की परम्पराओं का निर्वहन करते हुए सदस्यों के विचारों, अधिकारों की रक्षा कर प्रदेश के विकास की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.
उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील के गांव मजावडा में 22 मार्च 1934 को जन्मे कैलाश मेघवाल छात्र जीवन से ही सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों से सम्बद्ध रहे हैं. एमए, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त मेघवाल वर्ष 1977 में पहली बार राजसमंद सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए. भैरोसिंह शेखावत के नेतृत्व में बनी सरकार में पहले राज्यमंत्री और बाद में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किए गए.
इसके बाद सदन की नेता वसुंधरा राजे, कांग्रेस विधायक दल के नेता रामेश्वर डूडी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और शिक्षा मंत्री काली चरण सराफ कैलाश मेघवाल की सीट पर पहुंचे और उन्हें सम्मानपूर्वक अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए.
नवनिर्वाचित अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सत्ता और प्रतिपक्ष को इस पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचन के लिए आभार जताते हुए विशवास दिलाया कि उनसे किसी भी सदस्य को शिकायत नहीं रहेगी. उन्होंने कहा वे सदन की भावनाओं का आदर करेंगे, निष्पक्षता से सदन की परम्पराओं का निर्वहन करते हुए सदस्यों के विचारों, अधिकारों की रक्षा कर प्रदेश के विकास की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.
उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील के गांव मजावडा में 22 मार्च 1934 को जन्मे कैलाश मेघवाल छात्र जीवन से ही सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों से सम्बद्ध रहे हैं. एमए, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त मेघवाल वर्ष 1977 में पहली बार राजसमंद सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए. भैरोसिंह शेखावत के नेतृत्व में बनी सरकार में पहले राज्यमंत्री और बाद में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किए गए.
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