नवरत्न मन्डुसिया की कलम से //राष्ट्रीय ललित कला अकादमी नई दिल्ली के राष्ट्रीय आदिवासी और उत्तरी पूर्व कला सम्मेलन 28 से 3 अप्रैल 2017 तक चला। इसमें उदयपुर से संदीप कुमार मेघवाल ने प्रतिनिधित्व किया तथा संदीप मेघवाल ने बताया कि गवरी के मुख्य पात्र बुढ़िया शिव भस्मासुर का चित्रण किया। 7 दिन तक चले इस सम्मेलन में देशभर से 100 कलाकारों को आमंत्रित किया। जिससे देश के सभी परंपरागत कलाओं और समसामयिक कला के बीच सकारात्मक संवाद हो सके उल्लेखनीय है कि इस विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में कुल 43 देशों के 273 कलाकारों की कलाकृतियों को प्रदर्शनी हेतु चयनित किया गया और उसमें 5 स्पैशल प्राईज की श्रेणी में संदीप कुमार मेघवाल की कलाकृति को चुना गया है देश भर में चर्चित संदीप ने अपना मास्टर्स भी फाइन आर्ट से ही किया है और वर्तमान में वे सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से इसी विषय में पीएचडी कर रहे है ।संदीप कुमार मेघवाल धीरे धीरे अपनी चित्रकारी को पूरे देशों मे फेलाकर नयी दिशा को भी आयाम देंगे जिसके कारण इनकी कलाकृति सभी को रास आने भी लगेगी और वर्तमान समय मे बहूत रास भी आ रही है :- नवरत्न मन्डुसिया की कलम से
हमारे उद्देश्य: - मेघवाल समुदाय समृद्ध सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, मानसिक और सांस्कृतिक. मृत्यु भोज, शराब दुरुपयोग, बाल विवाह, बहुविवाह, दहेज, विदेशी शोषण, अत्याचार और समाज और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर अपराधों को रोकने के लिए और समाज के कमजोर लोगों का समर्थन की तरह प्रगति में बाधा कार्यों से छुटकारा पाने की कोशिश करेंगे :- नवरत्न मन्डुसिया
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नवरत्न मन्डुसिया
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