लालचंद ने रोशन किया नाम
12वीं कॉमर्स की राज्यस्तरीय मेरिट में हासिल किया 9 वां स्थान, जिले में पांचवीं पायदान पर
भास्कर न्यज. कालवाड़
ग्राम भंभौरी की मधुबाला मंदिर शिक्षा समिति सीनियर सैकंडरी स्कूल के छात्र लालचंद बुनकर ने 12वीं कॉमर्स की मेरिट में 9वां तथा जयपुर जिला मेरिट में 5वां स्थान प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ग्राम महेशवास निवासी लालचंद बुनकर ने इस परीक्षा में 91.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। संस्था निदेशक संतोष शर्मा ने बताया कि छात्र लालचंद पुत्र केसरमल बुनकर कच्ची झोपड़ी में रहता है और उसने नियमित आठ घंटे की पढ़ाई कर सफलता हासिल की है।
लालचंद ने बताया कि वह सीएस या आईएएस बनना चाहता है। उसने सफलता का श्रेय अपने पिता केसरचंद, माता मंगली देवी, संस्था निदेशक संतोष शर्मा और ईश्वर को दिया है। मेरिट में 9वां स्थान प्राप्त करने वाला लालचंद इससे पूर्व किसी अन्य विद्यालय में अध्ययन कर रहा था, लेकिन गरीबी के कारण वह फीस नहीं जमा करा पा रहा था। इसलिए उसे वह स्कूल छोडऩी पड़ी।
बाद में मधु बाल मंदिर शिक्षा समिति सी.सै.स्कूल के निदेशक संतोष शर्मा लालचंद का सहारा बने और प्रतिभा को देखते हुए उसे अपनी स्कूल में दाखिला दिया। इसके बाद लालचंद ने भी पूरी लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई की। इसका नतीजा न केवल गांव बल्कि स्कूल को भी गौरवांवित करने वाला रहा।
12वीं कॉमर्स की राज्यस्तरीय मेरिट में हासिल किया 9 वां स्थान, जिले में पांचवीं पायदान पर
भास्कर न्यज. कालवाड़
ग्राम भंभौरी की मधुबाला मंदिर शिक्षा समिति सीनियर सैकंडरी स्कूल के छात्र लालचंद बुनकर ने 12वीं कॉमर्स की मेरिट में 9वां तथा जयपुर जिला मेरिट में 5वां स्थान प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ग्राम महेशवास निवासी लालचंद बुनकर ने इस परीक्षा में 91.80 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। संस्था निदेशक संतोष शर्मा ने बताया कि छात्र लालचंद पुत्र केसरमल बुनकर कच्ची झोपड़ी में रहता है और उसने नियमित आठ घंटे की पढ़ाई कर सफलता हासिल की है।
लालचंद ने बताया कि वह सीएस या आईएएस बनना चाहता है। उसने सफलता का श्रेय अपने पिता केसरचंद, माता मंगली देवी, संस्था निदेशक संतोष शर्मा और ईश्वर को दिया है। मेरिट में 9वां स्थान प्राप्त करने वाला लालचंद इससे पूर्व किसी अन्य विद्यालय में अध्ययन कर रहा था, लेकिन गरीबी के कारण वह फीस नहीं जमा करा पा रहा था। इसलिए उसे वह स्कूल छोडऩी पड़ी।
बाद में मधु बाल मंदिर शिक्षा समिति सी.सै.स्कूल के निदेशक संतोष शर्मा लालचंद का सहारा बने और प्रतिभा को देखते हुए उसे अपनी स्कूल में दाखिला दिया। इसके बाद लालचंद ने भी पूरी लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई की। इसका नतीजा न केवल गांव बल्कि स्कूल को भी गौरवांवित करने वाला रहा।