आज हमारे समाज मे कई अनिश्चता और कई खामिया फ़ैली हुई है ?आज जब हम पूरे भारत मे हर जगह बसे हूऐ है पर हमारी गिनती न के बराबर है क्यूंकि हमारे समाज मैं एकता की कमी है जिसे हम चाह कर भी पुरी नही कर सकते ,आज कई जगहों पर हमे एकत्रित करने की पहल की जा रही है ? पर एन कोसिसो मैं हमारा फायदा हमारी समाज के नेता और उनके सहकार ही पुरा फायदा ले जा रहे है ?वे हमारे नासम्जभाइयो और न पढे लिखे बुजुर्गो को अपनी समक्ष खडे रख दुसरे गाओ ओर उनके वासियों को फायदा ले रहे है जब की हमे सही मायने मैएक हो हमारी जाती की प्रगति के बारे मैं सोचना चाहिए और हमे मिलने वाले सभी अधिकारों को पाने की पहल करनी चाहिए ?
मै गुजरात का रहने व्हाला हूँ मेरापुरा नाम हरेश शिवलाल मेघवाल है मेरे पिताश्री पछले ७० वर्ष से यहाँ बसे हुऐ है वेसे तो हमारा पुरा परिवार यही बसा हुआ है पर हम अपनी खुसिया मनाने अक्सर अपने गाव मारवाड़ जक्सन जाया करते है ,हमारी ही तरह यहाँ बसे कई हमारे जातिवासी अपने गाव आया करते है ?उनके इसी तरह जाने आने की वजह से हमारी नतो यहाँ कुछ पहचान है औरनही न ही वहा ? मेरी पिताश्री के सामान उनके हम उम्र के सभी लोगो को तो यहाँ सरकारी नोकरी का होदा प्राप्त है पर हमारी जाती यहाँ मान्य न हो ने के कारन हमारी आने वाली पीढी का कोई भविष्य नही है हम जहाँ रह रहे है यहाँ मेरी गिनती के अनुसार मेघवाल २५०० के आसपास और अन्य राजस्थानी भाई जिनमे ठाकुर,रेगर,राजपूत,चोहान ,चोधरीऔर भी कई जातिया सायद २५००० के आसपास रहती है ?
हमे एक करने के लिए हाल ही कुछ दिनों मैं हमारे यहाँ एक विशाल समेलन किया जा रहा है ?जिसमे सभी जातियों को एक कियाजा रहा है , दिनाक २५:१०:२००९ को सेहर गांधीधाम ( कच्छ )
आप से अनुरोध है आप हमें सहियोग दे?
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