शुक्रवार, 8 सितंबर 2017

बेणिया का बास की घिसी मेघवाल की दर्द भरी दासतांन जो हर किसी की आँखे नम हो जायेगी

दिनांक 06/09/2017 की खास रिपोर्टिंग
नवरत्न मन्डुसिया की कलम से --//-- ये है मेघवाल समाज की घिसी (उम्र 25 साल )यह राजस्थान प्रांत के सीकर जिले के दाँतारामगढ़ और सुरेरा के पास मन्ढा ग्राम पंचायत के बेणिया का बास की घटना है इस पोस्ट मे दो तस्वीर है वो तस्वीर घिसी मेघवाल की है यह दर्दभरी दासतांन मे जो आप  इस लड़की को देख रहे हो यह 25 वर्ष की है जो अपने माता पिता के इकलौती संतान है और जन्म से ही मंदबुद्धि है स्वयं ना कुछ खा पाती है ना पी पाती है बस लेटी रहती है इसके पिता स्वर्गीय श्री जालू राम जी मेघवाल उम्र 55 वर्ष जिनका बड़ी ही बेरहमी से 2 सितंबर 2017 को निर्मम हत्या कर दी गई थी और अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया आज दिनांक 6 सितंबर 2017 को निवास स्थान ग्राम बेनिया का बास ग्राम पंचायत मन्ढा  सुरेरा तहसील दांतारामगढ़ जिला सीकर राजस्थान के घर पर मैंने स्वयं जाकर जब यह स्थिति देखी तो आंखे नम हो गई सर्व समाज ग्रामीण लोग वहां उपस्थित थे थानाधिकारी मारोठ  एडिशनल SP डीडवाना SP नागौर घटनास्थल पर मौका मुआयना करने आए हुए थे और ग्रामीणों से अनुरोध कर रहे थे आप किसी को भी कोई भनक लगे तो बेझिझक हमारे तक अवश्य पहुंचाएं हम भी अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं जल्दी ही इसका खुलासा हो जाएगा और आरोपी  हमारी गिरफ्त में होंगे इस समय मेरे पिता जी ईश्वर चंद जी मन्डुसिया व  उपस्थित महानुभाव रिटायर्ड सेशन जज श्रीमान जी एल कालोया साहब,एडवोकेट जितेन्द्र डाणियाँ जिला उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा सीकर, श्री प्रहलाद सहाय वर्मा पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं अनुसूचित जाति मंडल अध्यक्ष दांतारामगढ़,एवं ग्राम पंचायत मंढा के सरपंच प्रतिनिधि जितेंद्र सिंह, वह ग्राम पंचायत सुरेरा के उपसरपंच जयवीर सिंह, प्रेस रिपोर्टर प्रह्लाद बरवड़ दिव्या आर्ट स्टूडियो, व नवरत्न मन्डुसिया सुरेरा,समाज सेवी दयाल चंद मन्डुसिया जालुन्ड जीतू वर्मा जालुन्ड  तथा सेकडों लोग  सर्व समाज के लोग उपस्थित थे और प्रशासन को 8 सितंबर शाम तक का समय दिया है 9 सितंबर को सुबह 9:00 बजे दांतारामगढ़ मैं सर्व समाज द्वारा आक्रोश रैली महापड़ाव चक्का जाम अनिश्चितकालीन समय तक जब तक मुजरिमों को हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। नवरत्न मन्डुसिया की घिसी के परिवार की आँखो देखी घटना से अवगत करवा रहा हूँ इनके पापा की हत्या हो गयी थी। घिसी मेघवाल के घर मे इनकी माँ और स्वयं घिसी है घिसी तो कूछ बोल नही सकती कूछ खा नही सकती
और किसी को पहचान नही सकती बस आने जाने वालो को देखती रहती है अपनी मासूम टपकती आँखो से
जो भी घिसी की तरफ़ देखता है तो उनकी आँखे नम हो जाती है और घिसी का परिवार बहूत ही गृह और बी.पी.एल.परिवार से है केवल एक छोटा सा कमरा है उस कमरे मे रहते है घिसी के पिता जी जालू राम जी एक साधारण व्यक्ति थे बस अपने काम से काम रखते थे किसी से कोई रंजिश भी नही थी जालू राम मेघवाल का व्यवहार जाटों मे कूमावतो मे खटीकों मे ब्राह्मण समुदाय मे राजपूत समुदाय मे रेगर समुदाय मे स्वामी समाज मे हरिजन समाज मे मीणा समाज मे जेन समाज मे मुस्लिम समुदाय मे सभी मे अच्छा व्यवहार था सभी लोग जालू राम मेघवाल को सही ही बताते है सब कहते है क्यों मारा जालू राम मेघवाल को
सभी लोगो को बहूत ही दुःख है अब आसपास के गाँवों के लोगो को एक ही बात सटा रही है अब मंदबुधि बेटी घिसी की साल सम्भाल कौन करेगा घिसी की माँ है वो भी ज्यादा तर बीमार रहती है घर मे खाने के लिये कूछ भी बंदोबस्त नही है अभी तक घिसी के पिता बेणिया का बास के जालू राम मेघवाल के हत्यारों का पता तक नही लगा दिनांक 06/09/2017 को जब घिसी के घर गया तो यह नजारा देखने को मिला बहूत ही दर्द भरी दासतांन है घिसी के परिवार की मेरा कहना है की हम सब सर्व समाज यदि आगे आयेंगे तो हम घिसी के पिता के हत्यारों को पकड़वाने मे पुलिस की मदद कर सकते है जालू राम मेघवाल के केवल एक ही बेटी है वो है घिसी
यदि हम इन हत्या को देखे तो मानव जाति की लगभग
इंसानियत समाप्त हो चुकी है समाज मे कई मोड़ आते है लेकिन जो  मोड़ आते है वो एक दम नकारात्मक आते है।:- नवरत्न मन्डुसिया की कलम से

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नवरत्न मन्डुसिया

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