पिपराली प्रधान संतोष का कहना है कि राजनीति में जनसेवा से बढ़कर कोई दूसरा धर्म नहीं होता है। इसलिए शादी के बारे में अभी तक सोचा भी नहीं है। 22 वर्षीय प्रधान लगातार क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में जाकर लोगों की समस्या सुनती हैं। राजनीति के साथ वे फिलहाल एमए की पढ़ाई कर रही हैं।
प्रधान का मानना इस वक्त शादी से निश्चित तौर पर प्रधानी में फर्क पड़ेगा। शादी के बाद घर-परिवार की जिम्मेदारी आ जाती है, इसलिए एक बार सिर्फ जनता की जिम्मेदारी निभाएंगे।
प्रधान का मानना इस वक्त शादी से निश्चित तौर पर प्रधानी में फर्क पड़ेगा। शादी के बाद घर-परिवार की जिम्मेदारी आ जाती है, इसलिए एक बार सिर्फ जनता की जिम्मेदारी निभाएंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें